May 2, 2025

भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए आठ चरणों में चुनाव कराये जा रहे है पश्चिम बंगाल में?

 

तमिलनाडु में 234 विधानसभा का चुनाव एक चरण में हो सकता है, पश्चिम बंगाल में 294 विधानसभा के लिए आठ चरण?

 

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में होने वाले चुनावों की घोषणा करने के साथ ही एक बार चुनाव आयोग के कार्यशैली पर सवाल उठने लगे है, गौरतलब है कि 234 विधानसभा वाले तमिलनाडृ में एक ही चरण में चुनाव कराने का फैसला चुनाव आयोग ने लिया हेै वही पश्चिम बंगाल की 294 विधानसभा सीटों का चुनाव 8 चरणों में संपूर्ण करना साबित करता है कि मोदी सरकार कद्दावर नेताओं के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ज्यादा से ज्यादा सभाएं करा कर उसका राजनीतिक लाभ उठाने का पूरा मौका चुनाव आयोग के द्वारा भाजपा को दिया जा रहा है। जो इस बात का प्रमाण है कि मोदी सरकार को पश्चिम बंगाल में सत्ता पाने की संभावनाएं अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है, इसलिए चुनाव को एक योजना के तहत लम्बा खींचा जा रहा है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में शानदार प्रदर्शन किया था जिसका लाभ विधानसभा में उठाने का हर संभव प्रयास मोदी सरकार करती दिखाई दे रही है जिसकी वजह से पश्चिम बंगाल में मोदी सरकार के स्टार प्रचारकों के साथ स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ज्यादा से ज्यादा सभा ले सके इसके लिए आठ चरणों में विधानसभा चुनाव कराने का निर्णय चुनाव आयोग द्वारा किया गया है। ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में 18 लोकसभा सीट जीत कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था, वही विधानसभा अनुसार आंकलन करे तो भाजपा को 128 विधानसभा में बढ़त मिली वही टीएमसी को 158 विधानसभा में ही आगे थे। जिस तरह से पश्चिम बंगाल में भाजपा की पकड़ मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद बढ़ी है उससे यह उम्मीद जागी है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता तक भी पहुंच सकती है इसलिए चुनाव प्रचार को भव्यता प्रदान करने के लिए 8 चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया गया है ताकि मोदी सरकार अपनी पूरी ताकत इन चुनावो मेें झोक सके। मोदी सरकार की रणनीति कितनी कामयाब होती है यह तो आने वाले वक्त में ही पता लगेगा लेकिन आठ चरणों में पश्चिम बंगाल का चुनाव कराने का फैसला से निश्चित ही कही ना कही एक बार फिर चुनाव आयोग के कार्यशैली पर सवाल उठाने लगा है कि यह मोदी सरकार के इशारे पर ही काम कर रही है, अन्यथा तमिलनाडु में 234 विधानसभा के चुनाव एक साथ हो सकते है तो 294 विधानसभा के चुनाव के लिए आठ चरणों में कराने की जरूरत क्यो पड़ी।

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