मोदी सरकार स्मृति ईरानी के बचाव में नही आई , वही टीएमसी ने भी पार्थो चटर्जी के बचाव नही किया
मोदी सरकार, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी के गोवा में फजी लाईसेंस पर बार चलाने के मामले पर जिस तरह से पल्ला झाड़ लिया है, कुछ उसी तरह ही टीएमसी ने भी मंत्री पार्थो चटर्जी और उनके करीबी अर्पिता मुखर्जी के यहां ईडी के छापेमारी की कार्यवाही से पल्ला झाड़ती दिखाई दे रही है, अभी तक बंगाल में ईडी व सीबीआई की कार्यवाही पर सवाल उठाने वाले मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने अगर उन्होंने गलत किया हे तो उन्हें सजा मिलनी ही चाहिए। राजनीतिक में यह बदलाव आम जनता के साथ ही राजनीतिक गलियारों में भी शोध का विषय बनता जा रहा है।
राजनीति की चाले शतरंज की चालों की तरह ही रहस्यमय होती है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जो गांधी परिवार पर निशाना साधने के लिए जानी जाती है, इस मामले पर भाजपा हमेशा उनके समर्थन में खड़ी नजर आती थी, लेकिन कांग्रेस ने उनकी बेटी पर गोवा में फर्जी लाईसेंस से बार चलाने के मामले पर दूरी बना ली, जबकि केंद्रीय राज्यमंत्रीअजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के किसानों को कुचलने के मामले पर भी भाजपा मंत्री अजय मिश्रा के साथ खड़ी नजर आई लेकिन इस मामले पर मोदी सरकार की मंत्री स्मृति ईरानी के साथ ही खड़ी नही दिखाई दे रही है। जिससे कांग्रेसियों के हौसले बुलंद है। कुछ दिनों पूर्व भाजपा आलाकमान ने राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गयी विवादित टिप्पणी पर सऊदी अरब के देशों के दबाव में 6 साल के लिए पार्टी ने निलंबित कर दिया था, इस मामले पर जरूर पिछले दरवाजें से भाजपा नुपूर शर्मा का समर्थन किया था। मोदी सरकार की इसी रणनीति पर चलते हुए पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने भी टीएमसी के वरीष्ठ नेता व मंत्री पार्थो चटर्जी और मंत्री के करीबी अर्पिता मुखर्जी के यहां ईडी की छापेमारी से दूरी बना ली है, जबकि विधानसभा चुनाव के बाद केंद्र सरकार के द्वारा सीबीआई व ईडी की कार्यवाही का मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी के द्वारा खूल कर विरोध किया गया था, यहां तक की सीबीआई कार्यालय के सामने धरना के साथ ही सड़कों में भी आंदोलन किया था। वही टीएमसी नेता अभिषेक बेनर्जी का कहना था कि केंद्र सरकार की ईडी व सीबीआई की हर कार्यवाही के बाद भाजपा टूटेगी, लेकिन पार्थो चटर्जी और अर्पिता बेनर्जी के मामले पर टीएमसी ने जिस तरह से पल्ला झाड़ा है। वह भाजपा व टीएमसी में आये राजनीतिक बदलाव का संकेत दे रहा है।