कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच स्पंज आयरन के लिए जनसुनवाई का किया गया आयोजन
चपका मामले ने कांग्रेस सरकार की शाख में लगा बट्टा
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चपका में गोपाल इंड्रस्ट्री के स्पंज आयरन प्लांट हेतु जनसुनवाई का आयोजन किया जाना आम चर्चा का विषय इसलिए बनता जा रहा है कि एक तरफ सरकार कोरेाना के बढ़ते मामले को देखते हुए कड़े नियम लागू कर रही है ताकि कोरेाना संक्रमण पर लगाम लगायी जा सके, वही दूसरी तरफ सराकर ही जनसुनवाई का आयोजन करके भीड़ जमा कर रही है, जिससे निश्चित ही कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ सकता है। जिला प्रशासन ने इस सुनवाई के अगले दिन ही 15 से 22 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा करके भी स्पष्ट कर दिया कि अभी तक के उपाय पूरी तरह से असफल रहे है। गा्रमीणों के साथ ही राजनीतिक दलों में कांग्रेस सरकार को जनसुनवाई को आयोजन पर कटघरे में खड़ा कर रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस पूरे मामले से कही ना कही राज्य में कांग्रेस सरकार को नुक्सान हुआ है, क्योकि कांग्रेस कृषि बिल को लेकर मोदी सरकार पर आरोप लगाते है कि कोरोना काल में इस बिल को लाने की क्या जरूरत पड़ गयी , लेकिन दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के लिए स्पंज आयरन के लिए चपका में जनसुनवाई का आयोजन किया जाना भी यही संकेत दे रहा है कि सरकार चोरी छिपे इसे स्पंज आयरन लगाने का प्रस्ताव पास कराना चाहती थी। चपका मामले से स्पष्ट हो गया है कि कोरोना संक्रमण का भय दिखा कर हर कोई जनता की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहा है।