पास्कों एक्ट के तहत दर्ज मामले पर कार्यवाही में इतना विलम्ब क्या स्सूकदार लोगों को बचाने के लिए किया जा रहा है कांग्रेस समर्थित सरकार में
कांग्रेस ने भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार और पीडि़ता को देह व्यापार में धकेलने का मामला झारखंड के जमशेदपुर जिले के टेल्कों थाना में दर्ज में है। लेकिन कांग्रेसी नेताओं ने यह नही बताया कि झारंखड़ में कांग्रेस समर्थित सरकार होने के बाद भी अभी तक इस मामले की कार्यवाही क्यों नही की गई, क्या झारंखड़ सरकार रूसूकदार आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। क्योकि भाजपा उम्मीदवार ब्रम्हानंद नेताम इसी को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस पर पलट वार कर रहे है कि संभावित हार के डर से मेरे चरित्र को नुक्सान पहुंचाने का प्रयास कर रहे है, उनका कहना है कि कांग्रेस का आरोप सही होता तो पॉक्सो एक्ट के तहत मुझ पर दर्ज मामले पर अभी तक मेरी गिरफ्तारी हो गई होती लेकिन अभी तक गिरफ्तार क्यों नही किया गया।
कांग्रेस समर्थित झारखंड सरकार ने भाजपा उम्मीदवार पर कार्यवाही क्यों नही की?
आदिवासियों के आरक्षण मेें 12 प्रतिशत की कटौती के बाद आदिवासी बाहुल बस्तर के भानुप्रतापपुर में होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव का परिणाम भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए बेहद अहम है, क्योकि आरक्षण में हुई कटौती से नाराज आदिवासी क्या कांग्रेस के पक्ष में वोट करेगें या इस चुनाव के माध्यम से अपनी नाराजगी दर्ज करा करके कांग्रेस सरकार पर पुन: 32 प्रतिशत आरक्षण लागू करने का दवाब बनायेगें, क्योकि आदिवासियों को जल्द से जल्द 32 प्रतिशत आरक्षण नही मिल सका तो जमीनी स्तर पर हालात तेजी से बदलेगें। भाजपा आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस द्वारा भी जवाबी हमला बोलते हुए भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर झारंखड़ में पॉस्कों एक्ट के तहत मामला दर्ज कराने का उल्लेख करते हुए सवाल किया है कि किसके कहने पर प्रत्याशी ने जानकारी छुपाई गई है। कांग्रेस चुनाव आयोग से भाजपा प्रत्याशी के नामांकन रद्द करने की भी मांग कर रही है, यह मांग क्या चुनाव आयोग पूरी करेगा ? यह तो आने वाले समय में पता चलेगा, लेकिन कांग्रेसियों ने यह नही बताया कि कांग्रेस समर्थित झारंखड़ में भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज है तो अभी तक उस मामले पर गिरफ्तारी क्यों नही की गई, क्या इस मुद्दे को आगामी विधानसभा चुनाव तक दबा के रखा गया था, ताकि अगर भाजपा ब्रम्हानंद नेताम को टिकट देगी तो उन्हें इस मुद्दे का सहारा लेगें, लेकिन उपचुनाव के चलते यह मामला सामने आ गया है। भाजपा के उम्मीदवार कांग्रेस समर्थित झारखंड सरकार की इसी कमजोरी का फायदा उठाते हुए कांग्रेसी नेताओं पर ही अपनी छवि को खराब करने का आरोप लगाने के साथ ही यह सवाल भी पूछ रहे है कि जब 2019 में उनके ऊपर मामला दर्ज हुआ था तो पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी क्यों नही की। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि झारखंड में कांग्रेस समर्थित सरकार होने के कारण कांग्रेसी नेताओ की जिम्मेदारी बनती है कि वह भानुप्रतापपुर और प्रदेश की जनता को बताये कि पॉस्को एक्ट के तहत भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर दर्ज मामले में तीन साल का वक्त गुजर जाने के बाद भी कार्यवाही क्यों नही हुई।