इतिहास में पहली बार भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसी लड़ाई लड़ी जा रही है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पूर्व ही एनसीपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे, इन आरोपों के कुछ दिनों बाद ही महाराष्ट्र में एनसीपी के भाजपा सरकार में शामिल हो जाने से एनसीपी नेताओं को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश से भ्रष्टाचार खत्म करने की इस तरह की लड़ाई स्वतंत्र भारत में पहली बार लड़ी जा रही है। मोदी सरकार भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाने की जगह उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करके सजा देने की नई व्यवस्था खोज निकाली है।
महाराष्ट्र में शिवसेना को तोडऩे के बाद एनसीपी में भी भाजपा बड़ी सेंधमारी करने में सफल रही। एनसीपी के लगभग 30 विधायकों को अपने पाले में करके एनसीपी के अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर दिया है। इस पूरे घटनाक्रम का चाणक्य कौन है इसका खुलासा तो आने वाले समय में होगा, लेकिन इस घटनाक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कुछ दिनों पूर्व मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ दिये गये भाषण की चर्चा हो रही है जिसमें उन्होंने एनसीपी को भी विभिन्न घोटाले में लिप्त बताया था, आज एनसीपी के भ्रष्टाचारी महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री व मंत्री बनाने को गोदी मीडिया मॉस्टर स्ट्रोक बता कर तारीफ करेग। विपक्ष पहले ही मोदी सरकार की भ्रष्टाचार की लड़ाई पर सवाल उठाता रहा है कि भाजपाई जिन जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार का कभी आरोप लगाते थे, उन नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके भ्रष्टाचार को भूला दिया है। इसी कड़ी में अब एनसीपी के नेता अजित पवार के साथ ही छगन भुजबल को मंत्री बनाये जाने पर भी सवाल उठेगें कि भाजपा की भ्रष्टाचार की सफाई मशीन में एनसीपी के भ्रष्टाचारियों की भी सफाई हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश में भ्रष्टाचार को खत्म करने की नई तरीके की लड़ाई लड़ी जा रही है, भ्रष्टाचार खत्म की ऐसी लड़ाई ना कभी इतिहास में लड़ी गई होगी, जिसका उपयोग मोदी सरकार इन दिनों ताल ठोक कर रह रही है, जिसके चलते भ्रष्टाचारियों में भय का माहौल बना हुआ है कि अगर भाजपा में शामिल नही हुए तो तुम्हारी खेर नही?