बाबुल सुप्रियों के बाद कर्नाटक के भाजपा सांसद वी श्रीनिवास प्रसाद ने राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा की
मोदी सरकार के रामराज्य में विपक्षी दलों के नेताओं की जगह भाजपा सांसद राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा करना आम जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है, क्योकि मोदी सरकार के बारे में उनके समर्थकों का कहना है कि मोदी सरकार की ईमानदारी से विपक्षी दलों के नेता भयभीत है, लेकिन जमीनी हालत तो यही बता रहे है कि भाजपा सांसद राजनीति से संन्यास ले रहे है। बंगाल के आसनसोल के दो बार सांसद चुने गये बाबुल सुप्रीयों ने मंत्री का पद छिन जाने से राजनीति से सन्यास लेने की बात कही थी, लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद उन्होंने यू टर्न मारते हुए सांसद से इस्तीफा नही देने की बात कही है लेकिन राजनीति में सक्रिय नही रहेगें, इस मामले का भाजपा आलाकमान किसी तरह से पटाक्षेप कर पाया था कि कर्नाटक के सांसद वी श्रीनिवास प्रसाद ने अपने जन्मदिन में राजनीति से सन्यास लेने की बता कही है। गौरतलब है कि बंगाल विधानसभा में भाजपा को मिली करारी हार के बाद पार्टी के अंदर उथलपुथल मची हुई है। पार्टी की अंदरूनी गुटबंाजी के चलते ही बाबुल सुप्रीयों ने राजनीति से संन्यास लेने का फैसला लिया था, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कर्नाटक में येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री के इस्तीफ के बाद कर्नाटक भाजपा के अंदर भी खींचतान का दौर बंगाल की तरह शुरू हो गया है, जिसके चलते ही भाजपा संासद वी श्रीनिवास प्रसाद ने राजनीति से सन्यास लेने का फैसला लिया है, इस मामले पर भाजपा आलाकमान किस तरह से सांसद वी श्रीनिवास को मनाती है इस पर सभी की नजर टिकी हुई है। बंगाल की तरह ही कर्नाटक में भाजपा की हालत समय के साथ खराब होने वाली है, सांसद का राजनीति से सन्यास लेेना शुरूआती लक्षण के तौर पर देखा जा रहा है।