मोदी सरकार में अमीरों और गरीबों की खाई चौड़ी हुई
मोदी सरकार विकास के नये नये आयाम स्थापित करने का दावा कर रही है लेकिन वही दूसरी तरफ भुखमरी के ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत पाकिस्तान, बांग्लादेश व नेपाल से भी पीछे है। उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार आने के बाद ग्लोबर हंगर इंडेक्स में लगातार गिरावट आती जा रही है, लेकिन देश में हिन्दू मुस्लिम राजनीति में उछाल जारी है। जिसकी वजह से आम जनता के अहम मुद्दे गायब हो जाते है। गुजरात चुनाव में भी भाजपा आम जनता के मुद्दों की जगह भावनात्मक मुद्दे का सहारा ले रही है।
विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था बनाने में मोदी सरकार का योगदान तो ग्लोबर हंगर रिर्पोट में भी 107 वें स्थान के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार
ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट कुपोषण, शिशुओं में भयंकर कुपोषण, बच्चों के विकास में रूकावट और बाल मृत्यु दर जैसे चार संकेतकों के आधार पर तैयार की जाती है। वर्ष 2022 की ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट में पाकिस्तान ने भारत से बेहत्तर स्थिति में होने से कही ना कही मोदी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठता है कि मुखमरी के मामले पर पाकिस्तान भारत से बेहत्तर कैसे है, जबकि गोदी मीडिया पाकिस्तान की महंगाई को लेकर बेहद चिंतित रहती है, देश की मंहगाई की तुलना में । 121 देशों की ग्लोबल हंगर रिपोर्ट में भारत का स्थान जहां 107 है वही पाकिस्तान 99 वें नंबर पर है नेपाल 81 और बांग्लादेश 84 वें स्थान पर है। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका 64 वें स्थान पर है। इस रिपोर्ट में सिर्फ पड़ोसी देश अफगानिस्तान ही भारत से पीछे है। इस रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष मोदी सरकार के विकास पर सवाल उठने लगा है। गुजरात चुनाव के पहले आई ग्लोबल हंगर रिपोर्ट कही ना कही मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकती है।
भारत सकल घरेलू उत्पाद के मामले पर ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने को भाजपाई ने मोदी सरकार की उपलब्धि करार दिया है, क्या वही भाजपाई ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट में भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान नेपाल व बांग्लादेश से भी नीचे होने के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार बताने की हिम्मत कर पायेगें? मोदी सरकार आने के बाद अमीर और गरीबों की बीच की खाई लगातार चौड़ी होती जा रही है। एक तरफ भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है तो दूसरी तरफ ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 107 वें स्थान पर पहुंच गया है, लेकिन देश में हिन्दू मुस्लिम राजनीति अपने पूरे उफान पर है। गुजरात जहां भाजपा 27 सालों से सरकार में आने के बाद भी अपनी चुनावी वैतारणी को पार कराने के लिए धु्रवीकरण का सहारा ले रही है।