October 23, 2024

भुखमरी को कब घर में घूस कर मारेगी मोदी सरकार

विश्व भुखमरी की रिपोर्ट में पाकिस्तान, भारत से आगे निकला
मोदी सरकार के रहते पाकिस्तान का बेहत्तर प्रदर्शन राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना

देश की जनता मोदी सरकार में आने वाले अच्छे दिन का इंतजार कर रही है, क्योकि दूसरी तरफ भारत भुखमरी के मामले पर अपने चिरपरिचित दुश्मन पाकिस्तान से भी पीछे हो जाने से मोदी समर्थकों के साथ ही देश की जनता में कही ना कही निराशा की भावना घर करने लगी है कि पाकिस्तान जो एक आंतकवादी देश होने के बाद भी भुखमरी के मामले में मोदी सरकार के रहते कैसे बेहत्तर स्थिति में आ सकता है? राजनीतिक जानकार जहां इसे मोदी सरकार की इमेज खराब करने की साजिश के तौर पर देख रहे है। वही भारत सरकार ने अभी तक आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वल्र्डवाइड और जर्मनी का संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ की सयुंक्त रिपोर्ट पर किसी भी प्रकार का कोई सवाल नही उठाया है और ना ही इसे देश का आंतरिक मामला बता कर रिपोर्ट को खारिज किया है।

एक साल में सात पायदान नीचे उतरा भारत

देश में सात सालों से मोदी सरकार होने के बाद भी भुखमरी के मामले पर पाकिस्तान भारत से आगे निकलना कही ना कही मोदी सरकार के असफलता को दर्शाता है, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार दुश्मनों को उसी के भाषा में जवाब देने की बात तो कहती है लेकिन भुखमरी के उसी की भाषा में जवाब देने में असफल होने के कारण ही पाकिस्तान नेपाल व बांग्लादेश जैसे पड़ोसी मुल्क भारत से बेहत्तर स्थिति में है। वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 में भारत 116 देशों में 101 वें स्थान पर है, जबकि 2020 में भारत 94 वें स्थान पर था। रिपोर्ट में भारत के भुख के स्तर को खतरनाक बताया गया है, पड़ोसी देश नेपाल का 76 वां, बांग्लादेश 76, म्यांमार 71 और पाकिस्तान को 92 वां स्थान मिला है। हालांकि इन दिनों में भी भुखमरी की हालत चिंताजनक है, लेकिन केंद्र में ताकतवर मोदी सरकार के रहते हुए भी भारत की हालत खराब होना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योकि मोदी समर्थकों का दावा है कि मोदी सरकार में भारत का दुनिया में सम्मान बढ़ा है लेकिन भुखमरी की रिपोर्ट ने उस सम्मान पर सवाल उठा दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 1998 से 2002 के बीच भारत में चाइल्ड वेस्टिंग की दर 17.1 प्रतिशत थी लेकिन 2016 से 2020 के बीच 17.3 प्रतिशत हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने बाल मृत्यु दर, बाल स्टंटिग की व्यापकता और अपर्याप्त भोजन के कारण अल्पपोषण की व्यापकता जैसे अन्य पैरामीटरों में अपने यहां सुधार दिखाया है। वही भारत का जीएचआई स्कोर 2000 में 38.8 और 2012 से 2021 के बीच 28.8-28.5 पाया गया। जीएचआई स्कोर की गणना कुपोषण, बच्चों की वृद्धि दर, अल्पपोषण और बाल मृत्यु दर के पैरामीटरों के आधार पर की जाती है।

भाजपा के पाकिस्तान मुद्दे को प्रभावित कर सकता है भुखमरी रिपोर्ट

उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के पूर्व भुखमरी की आयी इस रिपोर्ट से निश्चित ही भाजपा को पाकिस्तान का मुद्दा बनाने में कुछ मुश्किलें पैदा हो सकती है, क्योकि मोदी सरकार के रहते पाकिस्तान भुखमरी के मामले में भारत को पीछे छोड़ दिया है। मोदी सरकार ने अच्छे दिनों का वादा करके देश की जनता ने वोट दिया था लेकिन मोदी सरकार में भुखमरी में इजाफा होना बताता है कि अच्छे दिन आने में और कई साल या दशक लग सकते है,अगर सत्ता नही बदली तो, क्योकि सत्ता बदलने के बाद मोदी सरकार के अच्छे दिनों की जिम्मेदारी भी खत्म हो जायेगी।

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