October 22, 2024

सीबीआई के सहारे देश से भ्रष्टाचार नही विपक्षी दल को खत्म करना चाहती है मोदी सरकार

भ्रष्टाचारी नेता भाजपा में शामिल होने के बाद कैसे ईमानदार बन जाता है इसके बारे में प्रधानमंत्री ने सीबीआई के अधिकारियों को नही बताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नही चाहिए, लेकिन उन्होंने यह नही बताया कि सत्ता में आने के बाद वह कितने नेताओं को भ्रष्टाचार के मामले पर जेल भेजा है, साथ ही इस बात का उल्लेख भी नही किया कि विपक्षी दल में रहते जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते थे उन्हें भाजपा में किस आधार पर शामिल किया जाता है। ताजा मामला मेघालय विधानसभा चुनाव में भाजपा ने नेशनल पीपल्स पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा कर सत्ता तक पहुंचने का प्रयास कर किया थ, चुनाव के बाद उसी पार्टी के साथ मिलकर कैसे सरकार बना ली, इसके बारे में भी सीबीआई के अधिकारियों को बताना चािहए था, क्योकि अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो सीबीआई की जिम्मेदारी बनती है कि वह कार्यवाही करें।

हिडेंनबर्ग की रिर्पोट आन के बाद विपक्षी दल खासकर कांग्रेस मोदी अड़ानी के संबंधो को लेकर सवाल उठा रहा है, ऐसे वक्त पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीआई के डायमंड जुबली समारोह में कहा कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध कार्यवाई के लिए पर्याप्त राजनीतिक इच्छाशक्ति है एक भी भ्रष्टाचारी नही बचाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंग्रेजो से मिली भ्रष्टाचार की विरासत को आजादी के बाद भी आगे बढ़ाने का काम किया गया और इसको कवर करने के लिए ईकोसिस्टम खड़ा किया गया है। जिन लोगों के ख्लिाफ सीबीआई कार्रवाई कर रही है उनमें से कई आज भी राज्यों में सत्ता में है, लेकिन सीबीआई के अधिकारियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह नही बताया कि विपक्षी दलों के भ्रष्टाचारी नेताओं को भाजपा में किस मापदंड के आधार पर शामिल किया जाता है, ताकि सीबीआई को भाजपा में शामिल हो चुके भ्रष्टाचारी नेताओं पर कार्यवाही करके समय की बर्बादी से बचाया जा सके। यह सवाल इसलिए अहम है क्योकि भाजपा में शामिल हो जाने के बाद सीबीआई और ईडी के द्वारा कार्यवाही नही की जाती है। असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा पर भाजपा ने भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था लेकिन आज वह आज असम में भाजपा के मुख्यमंत्री बने हुए है, वही पश्चिम बंगाल के प्रतिपक्ष नेता शुभेंदु अधिकारी जिन पर नारदा घोटाला की जांच चल रही है लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। इसके अलावा मेघालय विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता नेशनल पीपल्स पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते थे लेकिन बाद में उनके साथ मिलकर ही सरकार बनाकर उन्हें क्लीन चिट दे दी। गौरतलब है कि विभिन्न पार्टियों के दर्जनों नेता है जिन पर भाजपा ही भ्रष्टाचार का आरोप लगाते थे, लेकिन भाजपा में आने के बाद वह सीबीआई व ईडी की पकड़ से कैसे दूर हो गये यह देश के साथ ही सीबीआई के अधिकारी भी जानना चाहते है, लेकिन इतने अहम मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कुछ ना बोल कर यही संदेश दिया कि वह विपक्षी दलों के भ्रष्ट नेताओं पर कार्यवाही करके देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहते है, अगर वह नेता भाजपा में शामिल हो जाये तो सीबीआई भी उसे ईमानदार मानने लगतीर है। वर्तमान में सेल कंपनियों को पैसा अड़ानी की कंपनियों पर लगाने का आरोप कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी लगा रहे है लेकिन अभी तक ईडी व सीबीआई के द्वारा कोई भी कार्यवाही गौतम अड़ानी पर नही की गई है। विपक्ष इस मुद्दे के सहारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेर रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस गोलमाल की जांच कराने से बच रहे है। ऐसे मेें देश कैसे भ्रष्टाचार से मुक्त होगा यह जरूर है कि सीबीआई की इस कार्यशैली से भारतीय लोकतंत्र में विपक्ष जरूर खत्म हो जायेगा, क्योकि सीबीआई के सहारे मोदी सरकार भ्रष्टाचार नही विपक्षी दल को ही खत्म करना चाहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *