मंत्रीमंडल विस्तार के साथ ही गन्ने के दाम का 25 रूपये बढ़ाया
भाजपा आलाकमान गुजरात उत्तराखंड कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदल कर आगामी विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति पर काम कर रहा है वही दूसरी तरफ उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री नही बदल पाने पर विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पूर्व मंत्रीमंडल का विस्तार करके आगामी विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति बनाई है। बंगाल चुनाव में मिली करारी हार के बाद उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बदलने की रणनीति कामयाब नही हो पाने पर मंत्रीमंडल विस्तार की नीति बनायी गयी थी, जिस पर अंतत: योगी सरकार ने अमल करते हुए कांग्रेस छोड़ कर भाजपा मेंं शामिल हुए जतीन प्रसाद को मंत्रीमंडल में जगह देकर भाजपा से नाराज चल रहे ब्राम्हणों की नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया है। वही दूसरी तरफ योगी सरकार ने गन्ने का रेट भी 25 रूपये बढ़ा कर किसानों के दर्द को कम करने का प्रयास किया है। जो स्पष्ट करता है कि साढ़े चार साल में योगी सरकार के द्वारा किये गये कामों से भाजपा की जीत सुनिश्चित नही लगी जिसके चलते विधानसभा चुनाव के पूर्व गन्ने का दाम बढ़ाने के साथ ही मंत्रीमंडल विस्तार की जरूरत पड़ गयी।
किसानों के साथ मजाक कर रही है योगी सरकार – राकेश टिकैत
किसान नेताओं के द्वारा योगी सरकार पर गन्ने का रेट नही बढ़ाये जाने पर निशाना साधा जा रहा था कि पूर्व की सरकारों ने गन्ने का दाम में बढ़ोत्तरी की थी लेकिन योगी सरकार ने गन्ने का दाम नही बढ़ाया, वही दूसरी तरफ कृषि बिल को लेकर किसान आंदोलन के कारण पहले ही योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ी हुई है जिसके चलते योगी सरकार को गन्ने के दाम में 25 रूपये की मामूली बढ़ोत्तरी करने का मजबूर होना पड़ा लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत ने इस बढ़ोत्तरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह किसानों के साथ मजाक है। तीन सरकारों के कार्यकाल में यह सबसे कम वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इस दौरान पेट्रेाल का दाम 60 रूपये से बढ़ कर 100 रूपये हो गया है कि गन्ने का दाम भी दोगुना करना चाहिए था।
2022 में किसानों की आय कैसे होगी दोगुनी
मोदी सरकार ने किसानों की आय 2022 तक दोगूनी करने का वादा किया था और उत्तरप्रदेश का विधानसभा भी 2022 में ही हो रहे है इसलिए मोदी सरकार के किसानों की आय दुगूनी का नारा जमीन में कितना कामयाब हुआ इसकी भी समीक्षा इस विधानसभा चुनाव में होगी। योगी सरकार ने गन्ने का दाम ढाड़े चार साल में 325 रूपये से बढ़ा कर 350 रूपये किया, जबकि इस दौरान पेट्रोल डीजल के साथ ही खाने के तेल के दमों में दोगुने या दोगुना से ज्यादा वृद्धि हुई है। ऐसे में गन्ने के दाम में 25 रूपये की वृद्धि से किस तरह से किसान की आय की दोगुनी होगी यह ऐसा सवाल है जो योगी सरकार और मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाला है।