बस किराये पर मौन रहने वाली भाजपा सिटी बस के किराये वृद्धि का विरोध करेगी
राज्य सरकार के द्वारा बस किराये में 25 प्रतिशत वृद्धि पर भाजपा नेता मौन साधे हुए थे , सिटी बस के किराये में 25 प्रतिशत की वृद्धि पर किसी भी प्रकार की राजनीति होगी इस पर सभी की नजर है। बस्तर जिले में तो सिटी बसों का संचालन लगभग दम तोड़ चुका है। वर्तमान में सिटी बस का उपयोग पर्यटकों को धुमाने में किया जा रहा है। बस्तर जिले में सिटी बसों के बढ़े किराये वृद्धि का भाजपाई द्वारा बारदाना कमी की तरह राजनीति करने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।
भाजपा किसानों को अपने पक्ष मेें करने के लिए बारदाना को लेकर राजनीति कर रही है लेकिन सिटी बस का किराया राज्य सरकार के द्वारा 25 प्रतिशत बढ़ा दिये जाने के मामले पर मौन ही साधे हुए नजर आ रहे है। गौरतलब है कि पूर्व में राज्य सरकार ने बसों का किराया भी 25 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला लिया था उस वक्त भी भाजपा पूरी तरह से सरकार के साथ ही खड़ी नजर आयी थी, किराया वृद्धि पर किसी भी प्रकार का विरोध नही किया। राजनीतिक जानकारों का मानना हेै कि किराया वृद्धि को लेकर भाजपाई इसलिए मौन है क्योकि डीजल के दाम मोदी सरकार में शतक मार रहा है, अगर किराया वृद्धि पर सवाल उठाये तो कही ना कही मोदी सरकार भी कठघरे में खड़ी हो जायेगी, इसलिए 25 प्रतिशत किराया वृद्धि पर मौन साधे रहना ही उचित समझा। वर्तमान में सिटी बसों का संचालन सरकार के द्वारा किया जाता है इसलिए भाजपा सिटी बसो में 25 प्रतिशत की वृद्धि का खानापूर्ति के लिए विरोध कर भी सकती है।