October 23, 2024

निगम मंडल में दूसरे दलों से आये नेताओं को दी गई अहम जिम्मेदारी

सिंधिया के मंत्री बनने पर सवाल उठाने वाले निगम मंडल में जोगी कांग्रेस व भाजपा को अध्यक्ष बनाये जाने पर मौन
कार्यकर्ताओं के शोषण में भाजपा व कांग्रेस में गजब का है तालमेल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में ज्योतिराजे सिंधिया को मंत्री बनाये जाने पर जो सवाल उठा रहे थे, वह लोग भूपेश सरकार के द्वारा निगम मंडल की जारी दूसरी सूची जिसमें जोगी कांगे्रस व भाजपा से आये नेताओं को अहम जिम्मेदारी देने पर सवाल उठाने का साहस करेगें? राजनीतिक दल अपनी राजनीति चमकाने के लिए आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करके जनता को गुमराह करने का प्रयास करते है लेकिन मौका मिलने पर सभी जमीनी कार्यकर्ताओंं को भूला कर दूसरे पार्टी से आये नेताओ को ही महत्व देते है।
एक साल से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भूपेश सरकार ने निगम मंडलों की भारी भरकम दूसरी सूची मोदी सरकार के मंत्रिमंंडल की तरह जारी कर दी है। निगम मंडल की इस सूची में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल की झलक मिलती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिराजे सिंधिया को उड्डयन मंत्री बनाये जाने पर कांग्रेसियों ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था,कि सिंधिया को हराने वाले भाजपा संासद मंत्री नही बन सका है। लेकिन भूपेश सरकार के द्वारा निगम मंडल की सूची में भी दूसरे दलों से आये नेताओं को पद दिया गया जबकि कांग्रेेस का झंडा उठाने वालों को 15 साल बाद सत्ता में आने से क्या मिला यह सवाल कांग्रेस अपनी सरकार से नही पूछ सकते है? जोगी कांग्रेस छोड़ कर काग्रेस में शामिल हुए संदीप साहू को तेलघानी बोर्ड का अध्यक्ष बनाये गये है वही भाजपा छोड़ कर कांग्रेेस में शामिल हुए पूर्व विधायक तेजकुंवर नेताम को छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण की जिम्मेदारी दिया जाना साबित करता है कि मोदी सरकार की तरह ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस के पास भी काबिल कांग्रेसी नेताओं की कमी थी जिसकी वजह से दूसरे दलों से आये नेताओं को अहम जिम्मेदारी दी गयी ताकि विकास को नयी गति मिल सके। दूसरे दलों से आये नेताओं को पुरस्कृत करने की एक परंपरा सभी दलों में विकसित हो गयी है, सिर्फ आम जनता को गुमराह करने के लिए इस मद्दे पर राजनीतिक करके आम जनता की समस्याओं से किनारे करने का प्रयास किया जाता है। जमीन से जूडे कार्यकर्ताओं का शोषण हर राजनीतिक दल कर रही है और कार्यकर्ता इसके बाद भी अपनी पार्टी का झंडा उठाने को मजबूर है, आखिर राजनीति जो करनी है।

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