गुंडरदेही नगरपंचायत में कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिरने के साथ ही कांग्रेस का एक पार्षद ने क्रांस वोटिंग की
भानुप्रतापपुर उपचुनाव के पूर्व कांग्रेसी रणनीतिकार गुंडरदेही नगरपंचायत में भाजपा का तख्ता पटलने की कोशिश की, जिसमें उन्हें असफलता मिलने के साथ ही कांग्रेसी पार्षद द्वारा भाजपा के पक्ष में वोट देकर भानुप्रतापपुर उपचुनाव के पूर्व कांग्रेस सरकार की किरकिरी करा दी। कांग्रेसियों ने भष्टाचार और जनता के कामों में लापरवाही का आरोप लगाकर भाजपा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया, लेकिन वोटिंग में एक कांग्रेसी पार्षद ने क्रंास वोटिंग करके कांग्रेस आलाकमान को संदेश दे दिया कि शिकार करने वाले ही शिकार हो गये है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भानुप्रतापपुर उपचुनाव के पूर्व गुंडरदेही नगरपंचायत में तख्ता पटलने के दौरान कांग्रेसी पार्षद का भाजपा के पाले में जाना स्पष्ट करता है छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेसियों का भाजपा के पाले में जाने का खतरा बना हुआ है। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेसी विधायक भी पाला बदल सकते है।
कांग्रेस संगठन गुंडरदेही नगरपंचायत में भाजपा का तख्ता पलट कर भानुप्रतापपुर उपचुनाव में अपनी पकड़ को मजबूत करने की रणनीति बनाई थी। कांग्रेसी विधायक कुंवर सिंह निषाद ने इसका मोर्चा संभाला था लेकिन कांग्रेसी भाजपा में सेंधमारी करने की जगह भाजपाईयों ने कांग्रेसी पाले में ही सेंधमारी करके कांग्रेस के एक पार्षद को अपने पक्ष में करने में सफल हो जाना बताता है कि कांग्रेसी अपने किले को मजबूत किये बगैर ही दूसरे के किले में हमला कर देंते है जिसकी वजह से अपना किला ही धराशायी हो जाता है। भाजपा गुंडरदेही नगर पंचायत बचाने में सफल रही। इस जीत से निश्चित ही भाजपाईयों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है, लेकिन क्या त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा कांग्रेस को चुनाव हरा पायेगी? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब तो आठ दिसंबर को मिलेगा, क्योकि सर्व आदिवासी समाज के चुनाव लडऩे से भानुप्रतापपुर उपचुनाव बेहद ही रोमांचक हो गया है, सर्व आदिवासी समाज किसका वोट काटेगा? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब भी आठ तारीख को ही मिल सकेगा?