विदेश मंत्री एस जयशंकर को देश की जनता को यह बताना चाहिए कि आतंकवाद और क्रिकेट साथ साथ कैसे हो रही है
विदेश मंत्री जयशंकर ने पाकिस्तान के बारे मेें कहा कि जिस तरह हम आईटी यानी इन्फॉर्मेशन टैक्रालॉजी में एक्सपर्ट है उसी तरह वे इंटरनेशनल टेररिस्ट्स के एक्ससर्ट है। लेकिन इसके बाद भी भारत और पाकिस्तान के बीच खेली जा रही क्रिकेट खेली जा रही क्रिकेट पर विदेश मंत्री ने कोई भी प्रश्रचिन्ह नही लगाया कि आंतकवादी देश के साथ भारत को क्रिकेट नही खेलनी चाहिए। आगामी 23 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान के बीच मैच होने वाला है। एशिया कप में दोनों टीमों के बीच मैच हो चुके है, उस वक्त भी किसी ने सवाल नही उठाया कि आतंकवादी देश के साथ क्रिकेट नही खेला जाना चाहिए।
चुनावी लाभ के लिए तो पाकिस्तान का उल्लेख नही किया जाता है?
विधानसभा चुनाव करीब है, और राजनीतिक फिजाओं में पाकिस्तान का मुद्दा फिर से चर्चा का विषय बनने लगा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुजरात प्रवास के दौरान पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि आंतकवाद कोई राजनीति या कूटनीति नही है, आतंकवाद तो आतंकवाद है, हम दुनिया को समझा रहे है कि आंतकवाद जो आज हमारे साथ हो रहा है वह कल आपके साथ भी होगा। सवाल यह है कि जब पाकिस्तान आंतकवादी देश है तो विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत और पाकिस्तान के बीच विदेशों में खेली जा रही क्रिकेट का बहिष्कार करने की आवाज अभी तक क्यों बुलंद नही की है कि भारत आंकतवादी देश के साथ क्रिकेट किसी भी कीमत पर नही खेलेगा? चाहे अपनी धरती पर हो या विदेशी धरती पर? सवाल यह है कि एक तरफ भारत पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच का जमकर प्रचार प्रसार किया जाता है। दूसरी तरफ चुनावी वैतारणी को पार करने के लिए पाकिस्तान को आंतकवादी देश बनाने का प्रयास भी जारी है। मोदी सरकार एक तरफ पाकिस्तान को आंतकवादी देश व दूसरी तरफ विदेशों की धरती पर क्रिकेट साथ साथ खेलकर हर किसी को सोचने पर मजबूर कर रही है कि आंकतवादी देश के साथ मोदी सरकार क्रिकेट की अनुमति कैसे दे रही है?