नागालैंड व मेघालय की टिकट वितरण में भाजपा ने हिन्दुओं को किया पूरी तरह से नजरअंदाज
हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली भाजपा ईसाई बाहूुल नागालैंड व मेघालय में अपने हिन्दुत्व के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालकर स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा को हिन्दुत्व के ज्यादा सत्ता प्राप्त करने की चिंता है? अन्यथा भाजपा कभी भी 80 में 75 प्रत्याशी ईसाई समुदाय से जूडे लोगों को टिकट नही देती। मोदी सरकार ने क्रिसमस के मौके पर क्रिसमस भोज का आयोजन करके स्पष्ठ संदेश दिया था कि वह हिन्दुत्व की राजनीति के साथ ही साथ ईसाई वोटरों को भी अपने पाले में करने का प्रयास कर रही है, वही मेघालय के भाजपा अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने कहा कि बीजेपी में बीफ खाने को लेकर कोई पाबंदी नही है, भाजपा के किसी भी नेता ने मेघालय के प्रदेशाध्यक्ष के बयान पर सवाल नही खड़ा किया जो बताता है कि पूरी भाजपा बीफ के मामले एकजूट है। भााजपा ने नागालैंड व मेघालय में जिस तरह से हिन्दुओं को किनारे किया है उससे भाजपा की हिन्दुत्व राजनीति पर पडऩे की पूरी उम्मीद है, क्योकि छत्तीसगढ़ में भाजपाई धर्मांतरण को मुद्दा बना कर कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रहे है, ऐसे वक्त में भाजपाईयों ने जिस तरह से ईसाईयों को टिकट दिया है वह बतताा है कि सत्ता के लिए भाजपा हिन्दुत्व के मुद्दे से भी समझौता कर सकती है। पूर्वोत्तर राज्य में ईसाईयों को टिकट दिये जाने के मामले पर भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात करने वाले धीरेन्द्र शास्त्री मौन साधे हुए है।
मेघालय प्रदेशाध्यक्ष के बीफ खाने वाले बयान का किसी भी भाजना नेता ने नही किया विरोध
मोदी सरकार ने पहली बार क्रिसमस भोज का आयोजन करके स्पष्ट कर दिया था कि वह हिन्दुत्व की राजनीति के साथ ही सत्ता के लिए ईसाई वोटरों को भी अपने पाले में करने के लिए रणनीति बनाने लगी है। पूर्वोत्तर राज्य के मेघालय व नागालैंड में भाजपा ने 80 में 75 ईसाई उम्मीदवारों को टिकट देकर स्पष्ट कर दिया है कि मसीह समाज से कोई समस्या नही है। भाजपा की हिन्दुत्व और ईसाईयों के इस नये गठजोड़ की राजनीति कितने कारगर होती है यह तो नागालैंड व मेघालय के चुनाव परिणाम से पता चल जायेगा, लेकिन अप्रत्याशित गठजोड़ से निश्चित ही मोदी सरकार की हिन्दुत्व की राजनीति पर असर पड़ेगा। चुनावी वर्ष में छत्तीसगढ़ में भाजपा इन दिनों धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस सरकार को घेरने में लगी हुई है। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेसी नेता सोनिया गांधी के इशारे पर कांग्रेस सरकार धर्मांतरण करा रही है, परंतु जिस तरह से नागालैंड व मेघालय में कांग्रेस पार्टी के तर्ज पर ही भाजपा ने भी मसीह समुदाय को शत प्रतिशत उम्मीदवार बना कर स्पष्ट कर दिया है कि वह भी ईसाईयों को ही बढ़ावा देना चाहती है, इसलिए हिन्दुओं को टिकट नही दिया, वही मोदी सरकार में हिन्दुत्व की चिंता करने वाले किसी नेता के द्वारा भी टिकट वितरण पर सवाल नही उठाया जाना इस बात का प्रमाण है कि उन्हें हिन्दुत्व की नही सत्ता की चिंता है। मेघालय के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी पहले ही कह चुके है कि बीजेपी में बीफ खाने पर कोई पाबंदी नही है, उनके इस बयान पर मोदी सरकार के किसी भी नेता ने भी सवाल नही उठाया है जो बताता है कि पूरी भाजपा मेघालय के प्रदेशाध्यक्ष के बयान के साथ खड़ी है। ऐसे हालातों में छत्तीसगढ़ में भाजपा का धर्मांतरण का मुद्दा कितना कारगर हो पायेगा? क्योकि बस्तर में भाजपा से जूडे नेता नारायणपुर में चर्चा तोड़ रहे है वही दूसरी तरफ मोदी सरकार हिन्दुओं को नजरअंदाज करके ईसाईयों को टिकट दे रही है नागालैंड व मेघालय में