जन्माअष्टमी के मौके पर बांके बिहारी मंदिर में उमडी भीड़ में दो लोगों की दबने से हुई मौत, 50 हुए घायल
डबल इंजन वाली योगी सरकार में भक्तों की सुरक्षा के उचित इंतजाम नही किये जाने के कारण बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमीआयोजन में दो लोगोंं की दबकर मौत होने के साथ ही लगभग 50 लोगों के घायल हो गये। बताया जाता है कि आति आत्मविश्वास के चलते इस बार प्रशासन ने मंदिर समिति के साथ जन्माष्टमी व्यवस्था को लेकर कोई बैठक नही की, वही दूसरी तरफ वीआईपी लोगों ने आम जनता को नजर अंदाज करके अपने परिजनों को दर्शन की विशेष सुविधा उपलब्ध कराई।
रामराज्य लाने का दावा करने वाली योगी सरकार वीआईपी और आम भक्तों का अंतर खत्म नही कर सकी?
जन्माअष्टमी के अवसर पर मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में आने वाले भक्तों की भीड़ की सुरक्षा को लेकर डबल इंजन वाली योगी सरकार के द्वारा कोई रणनीति नही तैयार करने के कारण देर रात दर्शन करने वालों की भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि 50 से ज्यादा लोग मंगला आरती के दौरान बेहोश होकर गिर गये। इस घटना में दो लोगों की दबने से मौत भी हो गई। एसएसपी अभिषेक यादव ने भीड़ भडऩे को हादसे का कारण बताते हुए कहा कि मृतकों की पहचान नोएडा निवासी निर्मला देवी और जबलपुर मूल क वृंदावन वासी राजकुमार के रूप में की है। मंदिर के सेवाबारों के अनुसार भीड़ भडने का कारण वीआईपी रूतबा का इस्तेमाल करके अपने परिजनों को विशेष सुविधा उपलब्ध कराने के कारण बढऩे लगी, साथ ही अधिकारियों के परिजन छत पर बनी बालकनी से दर्शन करने के कारण अधिकारियों ने सुरक्षा के लिए ऊपरी मंजिल के गेट को बंद कर दिया था जिसके चलते लोगों को बचाने में मुश्किले आई। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि डबल इंजन वाली योगी सरकार में भी मंदिर में दर्शन करने की पुरानी वीआईपी व्यवस्था आज भी चल रही है जिसके चलते आम भक्तों को लम्बा इंतजार करने के साथ ही उनकी सुरक्षा को भी दांव में लगाया जा रहा है। सवाल यह है कि यूपी में रामराज्य लाने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में भी वीआईपी और आम भक्तों के बीच का अंतर खत्म नही हो सका है। वही बांके बिहारी मंदिर में जन्माअष्टमी के पावन अवसर पर हुए हादसे पर अभी तक किसी पर भी कार्यवाही नही की गई है, जिसके चलते मंदिर में यह अव्यवस्था निर्मित हुई? योगी सरकार दोषियों पर कार्यवाही करने के लिए जानी जाती है क्या इस मामले पर भी कार्यवाही होगी? या रामराज्य की राजनीति सिर्फ वोट पाने तक सीमित है।