विपक्ष मोदी सरकार पर सेना में राजनीतिक करने का आरोप लगता रहा है
कांग्रेस सरकार में भारतीय सेना के गठित पदों पर मोदी सरकार सेवानिवृत के बाद नयी नियुक्ति बगैर किसी देरी के कर रही है, वही दूसरी तरफ अपने सरकार मेेंं तीनों सेना में बेहत्तर तालमेल बैठने के लिए गठित सीडीएस का पद, देश के पहले सीडीएम विपिन रावत के हैलिकॉप्टर हादसें में मौत होने के बाद से लगभग 6 महीनों से खाली पड़ा हुई है। अब तो राष्ट्रीय स्तर पर नये सीडीएस की नियक्ति पर चर्चा भी होनी भी बंद हो गयी है, ऐसे में सवाल उठता है कि सेनाओं में बेहत्तर तालमेल बैठने के जिस नये पद का सृजन किया था, अब उसकी उपयोगिता पर ही सवाल उठने लगे है। जानकारों का मानना है कि सीडीएस का पद सेना के अन्य पदों की तरह बहुत महत्वपूर्ण होता तो निश्चित ही मोदी सरकार इस पद पर अभी तक नियुक्ति कर दी होती, लेकिन ऐसा नही करना यही संदेश दे रहा है कि यह पद मोदी सरकार ने सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए ही गठित किया था। विपक्ष मोदी सरकार पर सेना का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाता रहा है, दूसरे सीडीएस की नियुक्ति उनके इस आरोप को कही ना कही सही ही साबित करता दिखाई दे रहा है।
राष्ट्रभक्त मीडिया को खाली सीडीएस पद की चिंता नही !
सरकार कोई भी पद खाली नही रखती, सीडीएस का पद क्यों रखा गया खाली
कांग्रेस सरकार में गठित पद बगैर देरी किये भरे जा रहे है
जनरल एमएम नरवणे का कार्यकाल पूरा होने के बाद उनकी जगह जनरल मनोज पांडे को नया सेना प्रमुख बन गए है, उसी तरह ही लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू को नये थल सेना अध्यक्ष उप प्रमुख नियुक्त किया गया है, लेकिन 9 दिसंबर को हैलिकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस विपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका सहित 11 जवानों की मौत हो गयी थी, इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर जरूर कुछ समय तक देश के दूसरे सीडीएस की नियुक्ति की चर्चा गर्मा थी, लेकिन समय गुजरने के साथ ही यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया नजर आ रहा है, क्योकि अब तो इसकी चर्चा भी कही नही होती है और ना ही मोदी सरकार का ही इस मामले पर कोई बयान आया है। जबकि चीनी सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है, 15 दौर के बातचीत के बाद भी चीन पीछे हटने का तैयार नही है। मोदी सरकार तीनों सेनाओं में बेहत्तर तालमेल के उद्देश्य से सीडीएस पद का सृजन किया था, इसके लिए सेना के नियमों में भी बदलाव करने पड़े े, जिसकों लेकर विपक्ष के द्वारा सवाल भी उठाये गये थे, लेकिन विपक्ष के सवालों को दरकिनार करते हुए जनरल विपिन रावत को सेवानिवृत के बाद देश का पहला सीडीएस बनाया गया, उनकी हैलिकॉप्टर हादसे में मौत के बाद दूसरे सीडीएस की नियुक्ति पर हो रहे विलम्ब से सवाल गहराने लगा है कि कांग्रेस सरकार में सेना में बनाये गये पदों की नियुक्ति तो मोदी सरकार बगैर देरी किये कर रही है लेकिन अपने सरकार में गठित पद की नियुक्ति करने में विलम्ब क्यों कर रही है? क्या विपक्ष की सीडीएस की नियुक्ति जो सवाल खड़े गये थे, मोदी सरकार को इस बात का एहसास अब हो रहा है कि वह सही थे? इसलिए क्या देश को दूसरा सीडीएस मिलने में देरी हो रही है? गौरतलब है कि उत्तराखंड चुनाव में जरूर राजनीतिक फायदे के लिए विपिन रावत का उल्लेख भाजपा ने जरूर किया था लेकिन उनकी मौत से खाली हुए पद को 6 महीने बाद भी नही भर सकी है।