सब इंजीनियर के निलंबन के बाद भी अधिकारियों ने भगवा रंग की पट्टीका नही करायी
यूपी के विधानसभा चुनाव में इस बार राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने रंग का सहारा लेकर भी विपक्षी दलों पर निशाना साधा। जो बताता है कि मोदी सरकार में राजनीति का विकास भी जारी है। उसी तर्ज पर अधिकारियों ने भी रंगों की राजनीति करते दिखाई दे रहे है। चुनाव परिणाम से पूर्व ही जिला अधिकारी अयोध्या का बोर्ड भगवा से हरा रंग में रंगवा दिया, विवाद बढ़ाने पर हरा को लाल कर दिया, लेकिन सवाल यह है कि जिस भगवा को हरा करने को लेकर विवाद हुआ वह पुन: भगवा नही हो सका। जबकि इस पूरे विवाद में एक सब मामले पर लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता को निलंबित कर दिया गया। वही इस रंग के बदलाव को सत्ता के बदलाव से जोड़ कर देखा जा रहा है।
यूपी विधानसभा चुनाव में अयोध्या मुद्दा भाजपा के लिए सबसे अहम होने के बाद भी छठवें चरण के मतदान के एक दिन पूर्व अयोध्या के जिलाधिकारी का बोर्ड लोक निर्माण विभाग ने भगवा से हरा किया जाना, राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया। रंग की राजनीति के बीच रंग के इस बदलाव को लेकर अटकलों बाजार गर्माने लगा कि क्या योगी सरकार की विदाई के संकेत अधिकारियों को भी मिल गये है, क्योकि अधिकारियों को चुनाव का सबसे बड़ा मौसम वैज्ञानिक माना जाता है। यह रंग का बदलाव अयोध्या के जिला अधिकारी के आवास के बोर्ड के रंग बदलने से जूडा होने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। क्योकि एक वक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी अयोध्या से चुनाव लडऩे के दावे किये जा रहे थे, लेकिन अन्तिम समय में मुख्यमंत्री ने अयोध्या की जगह गोरखपुर सीट से ही चुनाव लडऩा उचित समझा। लोक निर्माण विभाग ने इस मामले पर जरूर कनिष्ठ अभियंता अजय कुमार शुक्ला को निलंबित कर दिया है, लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों ने भगवा रंग का बोर्ड नही लगा कर लाल रंग का बोर्ड लगाया है। जिस लाल रंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही खतरे का निशाना बता चुके है।
लखनऊ में भी सपा के ड्रीम प्रोजेक्ट पर अधिकारी दे रहे ध्यान
छठवें चरण के मतदान के बाद ही यूपी सरकार के राज्य संपत्ति विभाग ने अखिलेश और मुलायम सिंह के पुराने बंगलों की साफ-सफाई करवानी शुरू कर दी है। खास बात यह है कि इस विभाग का प्रभार सीएम योगी के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल के पास है। विक्रमादित्य मार्ग के ये दोनों बंगले अखिलेश और मुलायम सिंह को आवंटित किए गए थे। मगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जून 2018 में खाली करा दिया गया, इसके बाद इस बंगले को किसी को भी आवंटित नही किया गया। राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों ने बाहर से गेट बंद करके अंदर मरम्मत और सफाई का काम शुरू कर दिया है। वही सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जनेश्वर मिश्र पार्क, लोहिया पार्क व रिवर फ्रांट की साफ-सफाई, पौधों व घास के मैदानों को हरा-भराकरने का काम लखनऊ विका प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है।
अधिकारियों को राजनीतिक का मौसम वैज्ञानिक माना जाता है
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि रंग बदलने के इतने विवाद के बाद भी अयोध्या जिला अधिकारी का बोर्ड भगवा रंग का नही हो पाना साबित करता है कि लखनऊ में बैठे अधिकारियों को भी इस बात का विश्वास है कि सत्ता बदलने वाली है इसलिए वहां से भी पुन: भगवा रंग की पट्टिका लगाने का किसी भी प्रकार से कोई दबाव नही आया। अयोध्या के अधिकारी की पट्टिका का रंग बदलाव के साथ ही लखनऊ में सपा के ड्रीम प्रोजेक्ट पर अधिकारियों का ध्यान देना यही संकेत दे रहा है कि योगी सरकार की जनता ने छठवें चरण के चुनाव के बाद भी विदाई तय कर दी है। अधिकारियों ने सांतवें चरण के चुनाव को खत्म होने का इंतजार भी नही किया। जो बताता है कि डबल इंजन सरकार से यूपी की जनता कितनी परेशान थी।