October 23, 2024

गुजरात दंगों पर बनी फिल्म के बाद बीबीसी कार्यालय पहुंची आयकर की टीम

अडानी के मामले पर जांच एजेंसी दूध का दूध और पानी का पानी सामने लाने का प्रयास क्यों नही किया

बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित कार्यालयों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सर्वे किये जाने पर भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया का कहना है कि किसी को डर और चिंता किस बात की, आयकर विभाग को अपना काम करने देना चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी सबके सामने आ सके, निश्चित ही गौरत भाटिया का यह बयान सही है लेकिन हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट के आने के बाद जिस तरह से अडानी समूह के शेयरों में गिरवाट आने से जनता का पैसा डूबा उस पर भी बीबीसी की तर्ज पर ही देश की जांच एजेंसियों को कार्यवाही करके दूध का दूध और पानी का पानी देश की जनता को सामने लाना चाहिए था मोदी सरकार को, लेकिन उस मामले पर मोदी सरकार मौन साधे हुए था यहां तक कि लोकसभा में अडानी को लेकर पूछे गये राहुल गांधी के सवाल का जवाब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नही दिया इसके अलावा लोकसभा की कार्यवाही से राहुल गांधी के भाषण के अंश को भी हटा दिया गया, मोदी सरकार का बीबीसी और अड़ानी समूह के मामले पर दोहरा रूख ही राजनीतिक गलियारों के साथ ही आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि रामराज्य में भी ऐसा ही होता था क्या ?

जांच एजेंसिया तोता से आगे निकली अपने मालिक के लिए

बीबीसी द्वारा गुजरात दंगों पर बनाई गई डाक्यूमेंट्री के बाद एक बार फिर देश में राजनीति गर्मा गई, इस वृतचित्र को देश में रोक लगाने की मांग को लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया इसके बाद आयकर विभाग ने बीबीसी के दिल्ली और मुंबई स्थित कार्यालयों में सर्वे किये जाने से मामला गर्मा गया, विपक्ष इसे बदले की राजनीति कार्यवाही बता रहा है, क्योकि मोदी सरकार के खिलाफ बोलने वालों पर कार्यवाही करने का एक इतिहास रहा है, जिसका शिकार हर विपक्षी दल गाहे बगाहे हो रहा है। गुजरात दंगों पर बने इस वृत्रचित्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमेज को भी प्रभावित कर रही है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया आयकर की इस कार्यवाही पर सफाई देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को समझना चाहिए कि भारत संविधान और कानून पर चलता है, अब जांच एजेंसियां पिंजरे का तोता नही है ये लगातार काम कर रही है। आयकर विभाग को अपना काम करने देना चाहिए दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा लेकिन यह सवाल यह है कि बीबीसी के कार्यालयों पर आयकर विभाग का यह सर्वे उस समय ही क्यों हो रहा है जब बीबीसी ने गुजरात दंगे पर वृत्रचित्र बनाया है, देश में नौ सालों से मोदी सरकार है अगर बीबीसी की कार्यप्रणाली पर शंक था तो अभी तक क्यों कार्यवाही नही की, क्या गुजरात दंगों पर बनी फिल्म के आने का इंतजार कर रही थी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जांच एजेंसियां तोता से भी आगे बढ़ गई है, अब तो उसी पर झपटा मारती है जो मोदी सरकार की तरफ आंख उठाने का साहस करता है।

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