टीएस सिंहदेव के बाद मोहन मरकाम को भी किनारे करने की कोशिश
राजधानी में कांग्रेस में चल रहा होर्डिग्स वार ने निश्चित ही भाजपाईयों की सत्ता वापसी की उम्मीदें बढ़ाने का काम किया है, क्योकि चुनावी वर्ष में कांग्रेस के अंदरूनी गुटबांजी सार्वजनिक होने लगी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच कुर्सी को लेकर खींचतान लम्बे समय से चल रही है लेकिन प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम और भूपेश बघेल के बीच रायपुर में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन में लगाई गई होर्डिग्स को लेकर जंग शुरू होना बताता है कि उपर से एकजूट दिख रही कांग्रेस के अंदर भारी उथल पुथल मची हुई है, पीसीसी को यह आदेश जारी करना पड़ा कि जो होर्डिग्स लगाया गया है उसे हटा लिया जाएं, वरना हटा दिया जाएगा। कांग्रेस की इस अंदरूनी लड़ाई का भाजपा फायदा उठाने का कोई भी मौका नही छोड़ेगी, क्योकि भाजपा की जीत में कांग्रेसियों की भूमिका अहम रही है और आगे भी रहने की उम्मीद है।
कांग्रेस का अधिवेशन रायपुर में आयोजित होने से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम के बीच चल रही लड़़ाई होर्डिग्स वार में पूरी तरह से सार्वजनिक कर दिया। मुख्यमंत्री के करीबी रायपुर के महापौर एजाज ढ़ेबर द्वार लगाये गये होर्डिग्स में प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम की फोटो नही लगाये जाने से यह विवाद तूल पकड़ा। जिसकी शिकायत प्रदेश प्रभारी सैलजा से की गई, उन्होंने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए होर्डिग्स निकालने के निर्देश दिये जाने के बाद भी सभी होर्डिग्स नही हटाई गई जो बताता है कि प्रदेश में कांग्रेस के अंदर कितनी अशांति है । चुनावी वर्ष संगठन और सत्ता के बीच बढ़ रही दूरियों से निश्चित ही भाजपा को सत्ता में वापसी की उम्मीदों को बढ़ाने का काम किया होगा, क्योकि भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में कांग्रेसियों की महती भूमिका रही है, छत्तीसगढ़ में भी भाजपा को फिर से सत्ता तक पहुंचाने के लिए कांग्रेसियों के सहारे की जरूरत है, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिहदेव के बाद प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ बढ़ती दूरियां साफ संदेश दे रही हेै कि कांग्रेस की राज्य में सत्ता वापसी की राह आसान नही है, भाजपा संगठन नाराज कांग्रेसियों को चुनाव पूर्व अपने पाले में करके पूरा राजनीतिक समीकरण बदल सकता है। वैसे भी चुनाव के वक्त कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होना एक परंपरा सी बन गई है मोदी सरकार आने के बाद।