April 30, 2025

हिमाचल सीएम की कुर्सी खतरे में

उपचुनाव के परिणाम से भाजपा आलाकमान की नींद उड़ी
डबल इंजन सरकार के बाद भी चारों सीटों पर हार कर नया इतिहास बनाया भाजपा ने

स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा कि राज्य में सतारूढ़ दल का एक लोकसभा और तीन विधानसभा में सफाया हो गया, यह अनोखी घटना हिमाचल प्रदेश में मोदी सरकार के रहते घटी है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस हार के लिए मंहगाई को जिम्मेदार बताया जिसे अभी तक भाजपा राष्ट्रहित में बता रही थी। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उपचुनाव मेंं मिली हार के बाद जयराम ठाकुर की कुर्सी खतरे में आ गयी है।
उपचुनाव में सर्वाधिक चौकाने वाला परिणाम हिमाचल प्रदेश से आया जहां पर भाजपा की सरकार होने के बाद भी कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करके भाजपाईयों की नींद उड़ा दी है। मंडी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभ्रद सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने भाजपा कैंडिडेट और कारगिल वॉर के हीरो रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशहाल सिंह को कांटे के मुकाबले में हरा दिया। इस जीत से भाजपा के परिवारवाद के नारे की भी हवा निकाल दी। जिसका उपयोग वह कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने के लिए करती रही है। जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट पर कांग्रेस के रोहित ठाकुर ने भाजपा के बागी उम्मीदवार चेतन बरागटा को पराजित किया, इस सीट पर भाजपा ने नीलम सरैइक को टिकट दिया जो कभी मुकाबले में भी नजर नही आयी, सत्ता में होने के बाद भी वह तीसरे नंबर रही। मंडी लोकसभा और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा भाजपा के खाते में थी जिसे कांग्रेस ने उपचुनाव में भाजपा से छिन लिया। अर्की विधानसभा में संजय अवस्थी ने भाजपा के रतन सिंह पाल को पराजित किया, वही फतेहपुर विधानसभा सीट में कांग्रेस के भवानी सिंह पठानिया ने भाजपा के बलदेव ठाकुर को पराजित कर दिया। यह दोनों कांग्रेस की थी और उसे वह बचाने में भी सफल रही।
हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव के परिणाम ने निश्चित ही भाजपा की मुश्किलें बढ़ दी है, गौरतलब है कि गुजरात और उत्तराखंड, कर्नाटक में मुख्यमंत्री के बदलाव के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्मंत्री के बदलने के संकेत मिले, लेकिन आलाकमान ने अंतत: उपचुनाव के परिणाम को इंतजार करने का फैसला लिया होगा। उपचुनाव के परिणाम स्पष्ट कर रहे है कि जयराम ठाकुर की सरकार से जनता इस कदर नाराज है कि डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी भाजपा ने उपचुनाव में खाता तक नही खोल सकी। राजनीतिक जानकारों का मानना हेै कि जल्द ही जयराम ठाकुर का भी पत्ता कटने वाला है। क्योकि भाजपा आलाकमान किसी भी हालत में कांग्रेस की मजबूत होता देखना नही चाहती है।

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