मोदी सरकार ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिया क्या किया? इस पर भी नही बोले
हिन्दू राष्ट्र बनाने की आवाजों के बीच उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का यह कहना है कि भारत दुनिया का सबसे अधिक धर्मनिरपेक्ष देश है, कई सवाल खड़े करता है क्योकि हिन्दू राष्ट्र की आवाज बुलंद करने वालों के खिलाफ अभी तक उपराष्ट्रपति के द्वारा कोई भी तल्ख टिप्पणी नही की गयी हैं, असम के बाद त्रिपुरा में हुई हिंसा पर भी वह चुप रहे, जिसकी चर्चा देश के अंदर व बाहर दोनों जगह हुई। लोकतंत्र को तारतार करने वाले घटनाओं पर जिम्मेदार लोगों की चुप्पी के चलते ही भारतीय लोकतंत्र पर सवाल गहराने लगा है। श्री नायडू ने भारतीय लोकतंत्र की मजबूती के लिए सरकारों की जिम्मेदारियों का उल्लेख करने की जगह भारतीयों के खून व नर्सो में लोकतंत्र होने की बात कही।
लोकतंत्र भारतीय खून व नर्सो में है कहकरके सरकारों की जिम्मेदारी से मुक्ति दिला दी
फ्रीडम हाऊस सहित अन्य सर्वे मोदी सरकार मेंं भारतीय लोकतंत्र कमजोर होने के संकेत देने के बाद भी सत्ता में काबिज नेता उसे काबूल करने को तैयार नही है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू दिल्ली में आयोजित एक किताब के लॉन्च पर कहा कि पश्चिमी मीडिया में भारत सरकार को धर्म निरपेक्षता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मामले पर बदनाम करने का चलन है। वे भारत को बढ़ता देख पचा नही पा रहे है, जबकि भारत दुनिया का सबसे धर्मनिरपेक्ष देश है। वेकैंय नायडू ने कहा कि यहां वहां आपकों कुछ उदाहरण मिल जायेगें, लेकिन सामूहिक तौर पर हम धर्मनिरपेक्षता का ही अनुसरण करते है। क्योकि यह हम भारतीयों के खून में, हमारी नसों में है और ये किसी सरकार के कारण नहीं है बल्कि सभी धर्माे के सम्मान करना हमारी सदियों पुरानी परंपरा रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उपराष्ट्रपति ने मोदी सरकार में लोकतंत्र को कितनी मजबूती मिली, इसके बारे में कुछ भी नही बताया और ना ही चुनाव जीतने के लिए धु्रवीकरण की राजनीति करने वालों पर भी किसी भी प्रकार का कोई सवाल नही उठाया। जानकारों का कहना है कि एक तरफ भाजपा नेता दावा कर रहे है कि मोदी सरकार का दुनिया में डंका बज रहा है वही दूसरी तरफ उपराष्ट्रपति अपने बयान में यह कह रहे है कि भारत सरकार को धर्म निरपेक्षता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर पश्चिमी देश बदनाम कर रहे है। जिससे यही संदेश निकलता है कि मोदी सरकार का डंका दुनिया में ना बज कर सिर्फ देश की गोदी मीडिया में ही बजाया जा रहा है। मोदी सरकार आने के बाद हिन्दू मुस्लिम राजनीति को नयी हवा मिली, क्या इस राजनीति से कमजोर लोकतंत्र मजबूत होगा यह बात देश की जनता के साथ ही दुनिया भी जानना चाहती है, लेकिन इसका जवाब उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने नही दिया।