नक्सली मोर्चो में तैनात जवान भी आये दिनों करते रहते है आत्महत्या
केंद्रिय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि पिछले 6 वर्षो में 680 अर्धसैनिक बलों के जवानों के आत्महत्या की है, यह ऑकड़ा सिर्फ केंद्रिय सशस्त्र बल और असम राइफल्स के हैं, जबकि बस्तर में बीएसफ के जवान भी तैनात है। मंत्री की जानकारी में यह स्पष्ट नही हो सका कि बस्तर के कितने जवानों ने आत्महत्या की है। गौरतलब है कि नक्सली मोर्चाे पर बड़ी संख्या में अर्ध सैनिक बलों की तैनाती है जो आये दिनों किसी ना किसी समस्या के चलते आत्महत्या करते है। केंद्रिय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद ने अपने बयान में अर्धसैनिक बलों के जवानों के आत्महत्या करने के कारणों का भी कोई खुलासा नही किया है। राज्य मंत्री का बयान स्पष्ट करता है कि देश में प्रति वर्ष एक सौ से ज्यादा अर्ध सैनिक बल आत्महत्या कर रहे है जिसमें बस्तर में तैनात जवान है, लेकिन क्यो इतनी बड़ी संख्या में जवान आत्महत्या कर रहे है, उस समस्या के जड़ तक पहुंचने की कोशिश नही की गयी है ताकि देश की सुरक्षा करने वाले जवानों को आत्महत्या करने से रोका जा सके। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सेना में तैनात जवान दिमागी रूप से भी मजबूत होते है इसके बाद भी आत्महत्या क्यो कर रहे है यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब सरकार सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की तरह नही किया।