ग्लोबल टैंडर से क्या टीका की कमी खत्म हो जायेगी, जब कंपनियां भारत को लेकर गंभीरता नही दिखा रही है।
मोदी सरकार की वैक्सीन नीति की चर्चा दुनिया में हो रही है, वही दूसरी तरफ टीकाकरण की कमी के निराकरण के लिए मोदी सरकार ने राज्य सरकारों के कंधो पर जिम्मेदारी सौंप कर मुक्ति पा ली है। देश के कई राज्यों ने जरूर ग्लोबल टेंडर निकाला है लेकिन टीका की तत्कालीन कमी के पूरे होने की कोई भी संभावनाएं कई महीनों तक नही है, क्योकि केंद्र सरकार ने देश में सिर्फ को वैक्सीन, कोविशील्ड और स्पूतनिक को मंजूरी दी है। राज्य सरकारों ने फायजर, मॉडर्ना ,जेएंडजे और रूसी स्पूतनिक से संपर्क किया है लेकिन इन कंपनियों को इस मामले पर अभी तक कोई गंभीरता नही दिखाई है।
मोदी सरकार ने कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान तो जोर शोर से शुरू किया लेकिन समय गुजरने से साथ ही इस अभियान का दम घुटने लगा। जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों को टीका खरीदने की जिम्मेदारी देकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति पा ली। राज्य सरकार टीका के लिए ग्लोबल तो जरूर निकाल दिया है, लेकिन टीका की आपूर्ति पर संशय की स्थिति बनी हुई है क्योकि अभी तक बड़े विदेशी निर्माताओं ने भारत में मंजूरी के प्रति गंभीरता नही दिखाई है, जबकि भारत सरकार कई बार कंपनियों से अनुरोध कर चुका है इसलिए टेंडर के बाद जल्द ही देश के बड़ी संख्या में टीका मिल जायेगा यह सिर्फ अच्छे दिनों की तरह ही एक जूमला से ज्यादा कुछ नही है। वही दूसरी तरफ राज्य सरकारों के पास सीमित बजट होता है और इस बजट का बहुत बड़ा हिस्सा टीका खरीदने में ही खर्च हो जायेगा, क्योकि दुनिया में मौजूद टीकों की कीमत बहुत अधिक है, जिसका खर्च राज्य सरकारों के द्वारा किस तरह से उठाया जायेगा यह भी एक बड़ा मुद्दा है। इसके अलावा फायजर जैसे टीकों को माइनस 70 और मॉडर्ना को माइनस 20 डिग्री के नीचे के तापमान पर रखना होगा, जिसकी व्यवस्था महानगरों तक ही सीमित है। मोदी सरकार टीकाकरण अभियान के बीच में राज्य सरकारो ंको जिम्मेदारी सौंपकर जरूर मुक्ति पा ली हेै लेकिन आम जनता की समस्याओं का समाधान राज्य सरकारों कर पायेगी, यह ऐसा सवाल है जो समय के साथ और गहराता जायेगा क्योकि क्योकि देश इन दिनों टीका की कमी से जूझ रहा है, और जिस तरह की स्थिति बनी है इसका निराकरण की कोई किरण भी दिखाई नही दे रहे है सिर्फ राज्य सरकार जनता को संतुष्ट करने के लिए ग्लोबल टेंडर जरूर निकाल रही है लेकिन टीका कब तक आयेगा और उसके रखने की क्या व्यवस्था है यह सरकार को भी टीकाकरण की तरह कुछ नही पता है।