स्विस बैंक में बढ़ रहा है भारतीयों का पैसा, वह भी ताकतवर व ईमानदार मोदी सरकार में
कांग्रेस सरकार के वक्त कालेधन को लेकर के लेकर बेहद चिंंतित नजर आन वाले बाबा रामदेव मोदी सरकार में स्विस बैंकों 2021 में 50 फीसदी बढ़कर 3.83 अरब स्विस फ्रेक( 30,500 करोड़ से अधिक) पहुंच जाने के बाद भी मौन साधे हुए है, क्योकि उन्हें भी इस बात का आभाष है कि अगर कालाधन को लेकर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की तो मोदी सरकार ही ईडी और सीबीआई के माध्यम से उन्हें घेरने की कोशिश में लग जायेगी और उनके स्वदेशी अभियान की हवा निकल सकती है।
देशहित से ज्यादा जरूरी है अपना हित
कांग्रेस की सरकार में पेट्रेाल व डीजल के बढ़ते दामों के साथ ही स्विस बैंको में भारतीयों के जमा कालाधन को लेकर बाबा रामदेव बेहद चिंतित नजर आते थे, देश हित में उन्होंने आंदोलन करके सरकार को घेरने की कोशिश भी की थी। वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देशवासियों को यह भरोसा दिलाने का प्रयास किया था कि भाजपा की सरकार बनने पर कालाधन विदेशों से वापस लाया जायेगा और उसका इस्तेमाल देश निर्माण में होगा, उन्होंने कहा था कि अगर सारा कालाधन वापस आ जाये तो हर एक भारतीय को कम से कम 15 लाख रूपये मिल जायेगें। मोदी सरकार आने के बाद स्विस बैंक से काला धन तो आया नही लेकिन देश से स्विस बैंक में भारतीयों का पैसा जमा होने का सिलसिला जरूर जारी रहा। स्विस बैंक के आंकड़ो के अनुसार 2020 के अंत तक स्विट्जरलैंड के बैंकों में भारतीयों का धन 2.55 अरब फ्रैंक(20,700 करोड़ रूपये) था जो 2921 के दौरान 50 फीसदी बढ़कर 3.83 अबर स्विस फ्रैंक(30,500 करोड़ रूपये से अधिक)तक पहुंच गयी है। यह बीते 14 सालों से सबसे ज्यदा पैसा है, लेकिन कालाधन की चिंता करने वाले बाबा रामदेव आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद भी मौन साधे हुए है उन्हें मोदी सरकार में ्िरस्वस बैंक में बढ़ता कालाधन क्यों नजर नही आ रहा है? यह एक ऐसा सवाल है जो आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बनता जा रहा है, जिससे कही ना कही बाबा रामदेव की छवि पर भी असर डाल रहा है।
कालाधन भूल कर बाबा रामदेव गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने अभियान में जूटे
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बाबा रामदेव का कालाधन को लेकर देशहित में कांग्रेस सरकार में लड़ी जा रही लड़ाई कालाधन वासप लाने की जगह सिर्फ मोदी सरकार लाने के लिए लड़ी जा रही थी, क्योकि सत्ता बदलने के बाद उन्होंने स्विस बैंक में काला धन के बढ़ते आंकड़ो पर चुप रहना ही उचित समझा। बाबा रामदेव के पास इतना साहस भी नही है कि वह मोदी सरकार से पूछ सके कि देश में ईमानदार सरकार होने के बाद स्विस बैंक में भारतीय पैसा कैसे बढ़ रहा है। क्योकि उन्हें भी इस बात का एहसास हो गया है कि अगर उन्होंने कांग्रेस सरकार की तरह ही कालाधन को लेकर कोई लड़ाई की कोशिश की तो ईडी व सीबीआई उनके पीछे पड़ जायेगी, जिससे उनका स्वदेशी अभियान पूरी तरह से तार तार हो जायेगा, वर्तमान हालातों में देश की चिंता की जगह अपनी चिंता ज्यादा उचित है, इसलिए पेट्रेाल व डीजल के बढ़ते दामों पर भी मोदी सरकार को दोषी बताने की जगह आम जनता को आय बढ़ाने की सलाह दे रहे है। मोदी सरकार में स्विस बैंक में बढ़ते आंकडे यह संदेश दे रहे है कि मोदी सरकार ने देशवासियों से कालाधन वापस लाने का जो वादा किया था वह भी धरातल में पूरी तरह से असफल साबित होने के साथ ही कांग्रेस सरकार की तर्ज पर ही स्विस बैंक में भारतीय पैसा जमा होने का सिलसिला जारी है।