मुद्दे को तर्क की कसौटी पर नही कसने वाले ही भाजपा का वोट देते है?
विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है असर
विधानसभा चुनाव के पूर्व केरल के एक मात्र विधायक और पार्टी के वरीष्ठ नेता ओ राजगोपालन ने कहा कि केरल में 90 प्रतिशत साक्षरता होने के कारण भाजपा यहां पर तेजी से पैर नही पसार पा रही है। उन्होंने बताया कि केरल के लोग हर चीज पर बहुत सोच-विचार करके कदम उठाते है, साथ ही हर मुद्दे को तर्क की कसौटी पर कसने के बाद ही निर्णय लेते हैं, यह यहां के शिक्षित लोगों की आदत है। विधानसभा चुनाव के पूर्व केरल भाजपा के वरीष्ठ नेता ओ राजगोपालन का बयान आ जाने के बाद राजनीतिक गलियारेां के साथ ही विधानसभा चुनाव वालें क्षेत्र में भी इस बयान की चर्चा हो रही हैं , भाजपा नेता का बयान कही ना कही भाजपा को मतदान करने वाला वोटर पर भी असर डाल सकता है कि भाजपा के वोटर बगैर सोचे समझे वोट देते है जिसकी वजह से भाजपा अन्य क्षेत्रों में तेजी से अपना जनाधार बढ़ा रही है लेकिन देश के सबसे शिक्षित राज्य केरल में हर संभव कोशिश के बाद भी भाजपा का ग्राफ नही बढ़ पा रहा है। भाजपा नेताओ राजगोपाल ने उम्मीद जाहिर की है कि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा दहाई के अंक तक पहुंच सकती है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा के नेमस सीट ही बचा ले तो एक बड़ी उपलब्धि होगी, क्योकि इस बार नेमस सीट पर ओ राजगोपालन की जगह कुम्मनम राजशेखन को मैदान में उतरा है, वही कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री के करूणाकरण के बेटे के मुरलीधरन को मैदान में उतारने से इस सीट पर मुकाबला रोमांचक हो गया है। केरल में किसकी सरकार बनती है यह तो 2 मई को स्पष्ट हो जायेगा लेकिन जानकारों का मानना है कि केरल भाजपा का भविष्य कांग्रेस के परिणाम पर निर्भर करता है अगर कांग्रेस सत्ता में नही आयी तो देश के अन्य हिस्सों की तरह ही केरल में भी कांग्रेसी नेता कांग्रेस का दामन छोड़ कर भाजपा में शामिल हो सकते है, क्योकि पश्चिम बंगाल में भी टीएमसी नेताओं ने पार्टी छोड़ कर भाजपा का दामन थाम कर भाजपा को मजबूती प्रदान की है, कर्नाटक व मध्यप्रदेश में कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो चुके है।