October 23, 2024

चीन पाकिस्तान के दवाब में जी-20 सम्मेलन का स्थल बदलेगी क्या ताकतवर मोदी सरकार ?

मोदी सरकार जी-20 सम्मेलन का आयोजन श्रीनगर में करने की घोषणा कर चुकी है

ताकतवर मोदी सरकार सऊदी अरब के दवाब में हिन्दुत्ववादी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को शरारती तत्व बता कर 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है, क्या चीन व पाकिस्तान के दवाब मेंं जी-20 सम्मेलन का आयोजन कश्मीर की जगह दिल्ली तो नही कर देगी ? यह सवाल आम जनता के साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनता जा रहा है।
भाजपा नेताओं का दावा है कि स्वतंत्र भारत में सबसे ताकतवर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, लेकिन विगत दिनों मुस्लिम देशों के दवाब में अपनी ही राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को आनन फानन में पार्टी से निलंबित कर दिये जाने से मोदी सरकार की ताकतवर छवि पर गहरा धक्का लगा है। जिसकी भरपाई करने के लिए भाजपा नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी होने नही दे रही है। एक बार फिर जी -20 सम्मेलन को लेकर राजनीति गर्माने लगी है। मोदी सरकार जी-20 सम्मेलन का आयोजन जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में करने की घोषणा करने के बाद पाकिस्तान व चीन ने इसका विरोध किया है। चीन विदेशी मंत्रालय के प्रवक्ता झाओं लिजियन ने कहा कि कश्मीर पर चीन रूख स्पष्ट है, कश्मीर मुद्दा, पुराना विवाद है, संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौते के अनुसार शांतिपूर्वक और उचित रूप से इसका समाधान किया जाना चाहिए। वही पाकिस्तान का इस मामले पर कहना है कि पाकिस्तान भारत के इस तरह के किसी भी प्रयास को पूरी तरह से खारिज करता है।
सवाल यह है क्या मोदी सरकार अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार जी-20 सम्मेलन श्रीनगर में आयोजित करके चीन और पाकिस्तान के विरोध को नजरअंदाज कर देगा या सऊदी अरब की तरह ही अपने फैसले पर पुन: विचार करके आयोजन स्थल श्रीनगर से बदल कर दिल्ली कर दिया जायेगा। मोदी सरकार चीन मामले पर पाकिस्तान की तरह कड़ा रूख नही रखने की वजह से जानकारों का मानना है कि चीन के विरोध के चलते मोदी सरकार जी-20 के आयोजन स्थल को बदल सकती है। क्योकि चीन द्वारा लद्दाख सीमा पर अतिक्रमण के मामले पर भी मोदी सरकार ने कड़ा रूख नही अपनाया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोदी सरकार जी-20 का आयोजन स्थल श्रीनगर की जगह दिल्ली में आयोजन करने की तैयारी कर रहा है लेकिन अधिकृत घोषणा नही होने से सस्पेंस बरकरार है। इस बैठक में यूएस, रूस, चीन, फ्रांस, जर्मनी, यूके, यूरोपीय संघ के नेता शामिल होगें।

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