भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है
कश्मीर फाइल्स को लेकर भाजपा जीतनी गंभीर नजर आ रही है, अगर कश्मीर पंडितों की वापसी को लेकर भी इतनी ही गंभीरता दिखाई होती तो निश्चित ही कश्मीर पंडितों की घार्टी में वापसी शुरू हो गयी होती। केंद्र में विगत आठ सालों से मोदी सरकार होने के बाद भी कश्मीर पंडित अपनी वापसी की राह देख रहे है वही दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद आयी कश्मीर फाइल्स ने जरूर भाजपा नेताओं को बहुत पसंद आ रही है लेकिन क्या कश्मीर पंडितोंं की वापसी की राह यह फिल्म से खुलती है या बंद होती है इस पर भाजपा नेता बोलने से बच रहे है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि धु्रवीकरण की राजनीति के लिए कश्मीर पंडितों का उपयोग किया जा रहा है लेकिन उनकी समस्याओं के निराकरण का प्रयास नही किया जा रहा है, क्योकि मोदी सरकार में भी कश्मीर से कश्मीर पंडितों का पलायन कुछ महीने पूर्व हो चुका है इस पलायन के पूर्व भी आंतकवादियों ने कश्मीर पंडितों के साथ ही सिखों की हत्या की है, जिसकी तुलना 90 के पलायन से की जा रही थी।
कश्मीर फाइल्स पर आईएएस और भाजपा विधायक आमने सामने हुए मध्यप्रदेश में
कश्मीर फाइल्स को लेकर मध्यप्रदेश के आईएसएस अधिकारी रियाज खान और भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा आमने सामने हो गये है। जो बताता है कि यह राजनीतिक दलों को कश्मीर पंडितों की वापसी से ज्यादा अपने राजनतिक एजेंडा की चिंता है, क्योकि कश्मीर पंउित के वापसी नही होने के बाद भी चुनाव जीता जा सकता है। आईएएस रियाज खान का कहना है कि जिस तरह कश्मीर फाइल में ब्राम्हणों का दर्द दिखाती है, उन्हें पूरे सम्मान के साथ में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए, निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए भी फिल्म बनानी चाहिए, मुसलमान कीड़े नही, बल्कि इंसान हैं, और देश के नागरिक है। नियाज खान लोक निर्माण विभाग के सह सचिव के पद पर है, उन्होंने कई किताबें लिख चुके है साथ ही अपने धर्म की हिंसक छवि को मिटाने के लिए भी रिसर्च कर रहे हैं, उनका मानना है कि इस्लाम के बदनाम होने के पीछे कई संगठनों की खराब छवि हैं।
आईएएस नियाज खान के कश्मीर फाइल्स की टिप्पणी पर भाजपा के विधायक रामेश्वर शर्मा का कहना है कि अगर आपकों किसी वर्ग का रहनुमा बनने का शौक है तो आईएएस की नौकरी छोड़कर मैदान में आइए. उनका कहना हेै कि इस्लामिक कट्टरवाद को नही रोका गया तो भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश के लिए कितना घातक होगा, इस पर रिसर्च कर नॉवेल कोई आईएएस द्वारा लिखा जाएगा तो निश्चित रूप से यह देश को आगाह करने के लिए द कश्मीर फाइल्स से जयादा कारगर होगा। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार से मांग की है कि आईएएस रियाज खान के कथन पर स्पष्टीकरण लिया जाए और पूछा जाए कि देश में ऐसा कौन सा प्रांत है जहां मुसलमानों को मारा जा रहा है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है इसलिए भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के आईएएस रियाज खान के बयान पर स्पष्टीकरण के मामले पर क्या रूख अपनाती है, क्योकि रामेश्वर शर्मा का कहना है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहते हुए सिर्फ एक वर्ग के प्रति अपनी चिंता व्यक्त करना कही ना कही संघ लोक सेवा आयोग के आचरण नियमों के विपरीत है।