नेहरू को जिम्मेदार नही बता पाने के कारण भाजपाई मृतक की जगह जिंदा आठ से दस लोगों को लाने की बात कहने का हुए मजबूर
भाजपा विधायक अरविंद बेलाड़ को इंसानियत की चिंता तब हो रही है जब यूक्रेन में फंसे भारतीयों की जिंदगी समय गुजरने के साथ मुश्किल होती जा रही है। उन्होंने कहा कि जब जीवित लोगों का वापस लाना चुनौततीपूर्ण है तब मृतक को वापस लाना तो और भी कठिन हो गया है,विमान में एक ताबूत की बजाय, लगभग आठ से 10 लोगों को बैठाया जा सकता है। गौरतलब हेै कि कर्नाटक के छात्र नवीन की गोली लगाने मौत हो चुकी है, परिजन उनके पार्थिव शरीर के लाने की मांग सरकार से कर रहे है।
यूके्रन युद्ध में मारे गये नवीन का शव भारत आयेगा या नही? इस सवाल का जवाब नवीन के परिजन सरकार से भी पूछ रहे है। नवीन के पिता शेखरप्पा ज्ञानगौड़ा ने बताया कि उन्हें सरकार के आश्वासन दिया है कि उनके बेटे का शव दो दिनों के भीतर लाया जाएगा। उन्होंने पीएम मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई दोनों से अपने बेटे के शव लाने में मदद करने का अनुरोध किया है। इस मामले पर मोदी सरकार कितनी सफल हो सकी है यह तो सार्वजनिक नही हो सका हेै लेकिन कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक अरविंद बेलाड कि यूक्रेन एक युद्ध क्षेत्र है, सरकार नवीन के पार्थिव शरीर को वापस लाने के लिए प्रयास कर रही है। जब जीवित लोगों को वापस लाना चुनौती पूर्ण है ऐसे में मृतक को वापस लाना तो और भी कठिन काम है। उन्होंने कहा कि एक लाश फ्लाइट में अधिक जगह घेरेगी, उसकी जगह 8 से 10 लोगों को फ्लाइट में समायोजित किया जा सकता है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यूक्रेन में फंसे भारतीया छात्रों को भाजपा नेता कांग्रेस व नेहरू को जिम्मेदार बताने में असफल होने के कारण अपनी नाकामी छूपाने के लिए नये नये बहाने तलाश किये जा रहे है, उन्ही बहाने में नवीन का शव के जगह 8 से 10 जिंदा लोग भारत आ जाने का तर्क दिया जा रहा है। वही यूपी में भाजपा नेता जनता को यह बता रहेे है कि बम धमाकों के बीच ताकतवर मोदी सरकार भारतीयों को निकालने में लगी हुई है लेकिन दूसरी तरफ भाजपा विधायक यह बता रहे है कि जीवित लोगों की वापसी ही चुनौती पूर्ण है ऐसे में शव को लाना बेहद कठिन काम है। गौरतलब है कि यूक्रेन से भारतीय अपने प्रयासों से निकल रहे है मोदी सरकार के द्वारा किसी भी तरह की मदद नही मिलने के कारण भारत आने वाले छात्रों में नाराजगी दिखाई दे रही है। इसके बाद भी मोदी सरकार इसे एक उपलब्धि बता कर वोट मांग रही है।