भाजपा नेताओं को भगवा की नही सत्ता की चिंता है, इसलिए भगवा के अपमान पर मोदी सरकार से नही पूछ रहे सवाल
पठान फिल्म के बेशरम रंग से शुरू हुआ भगवा विवाद धीरे धीरे राजनीतिक विवाद में बदल जाने के बाद भी मोदी सरकार पठान फिल्म पर मौन रहना साफ संदेश दे रहा है कि उन्हें पठान फिल्म के बेशरम रंग में पहले भगवा को लेकर कोई भी समस्या नही है, अन्यथा हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली मोदी सरकार कैसे इस मामले पर मौन रह सकती है, लेकिन हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज मोदी सरकार पर भगवा का अपमान का आरोप लगाने का साहस नही कर सकते है, इसलिए वह भगवा के अपमान को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राक्षस बता दिया।
भगवा विवाद को लेकर छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल किया है कि भगवा पहनकर घूम रहे विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल वाले ने कौन सा त्याग किया है, क्योकि भगवा रंग त्याग और बलिदान का रंग है। जिसके बाद छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं ने इसे भगवा का अपमान बताया, वही हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री राक्षस है और इन्हें भगवा में दोष नजर आता है। उन्होंने कहा कि हर युग में देवता भी रहे है और राक्षस भी रहे है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राक्षस बता कर कही ना कही अनिल विज ने अपने आपकों देवता बताने की कोशिश की है, लेकिन मोदी सरकार के सेंसर बोर्ड को राक्षस नही बताया, क्योकि जब भगवा का अपमान करने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को राक्षस बता सकते है तो सेंसर बोर्ड ने भी भगवा के अपमान करने वाले बेशरम रंग के गाने को हरी झंडी दी है, ऐसे में सवाल तो उठता है कि क्या मोदी सरकार के सेंसर बोर्ड में राक्षसों का कब्जा है ? भगवा के अपमान को लेकर गृहमंत्री अनिल विज का दोहरा मापदंड बताता है कि अनिल विज को भगवा के अपमान से ज्यादा सत्ता की चिंता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बगैर समय गवांये गृहमंत्री अनिल विज के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मैंने अपने बयान पर जो सवाल कि उसका जवाब उन्होंने ना देकर सर्टिफिकेट बांट दिया, इनके पास सर्टिफिकेट की फैक्ट्री है जो ये लोग बांटते रहते है। भाजपा के खिलाफ बोलो तो धर्मद्रोही और केंद्र सरकार के खिलाफ बोलों तो देशद्रोही और इनके खिलाफ बोलो तो अब राक्षस बोलते है।