गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दो तीन माफियों को जेल में डालने के लिए पुन: भाजपा की सरकार बनाये, पांच साल में जेल में क्यों नही गये यह नही बताया
यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रमुख मुद्दा कानून व्यवस्था का होने के बाद भी सातवें चरण के मतदान में गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश में माफियाओं को खत्म करने के लिए और पांच साल के वक्त मांगना स्पष्ट संकेत दे रहा है कि यूपी में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी केंद्रीय गृहमंत्री सार्वजनिक रूप से कबूल कर रहे है कि माफिया खत्म नही हो सका है, इसके खत्म करने के लिए पांच साल का वक्त और चाहिए। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अमित शाह ने यूपी की जनता को यह नही बताया कि किन कारणों के चलते पांच सालों में मोदी और योगी की जोड़ी ने प्रदेश से माफिया का सफाया नही हो सका।
भाजपा ने यूपी की चुनावी वैतारणी को पार करने के लिए कानून व्यवस्था को अपना प्रमुख चुनावी मुद्दा जरूर बनाया लेकिन धरातल में वह कामयाब नही हो पाया, जिसकी वजह से गृहमंत्री अमित शाह ने जौनपुर की सभा को कहना पड़ा कि पांच साल के अंदर उत्तरप्रदेश से माफियाओं को चुन-चुन का समाप्त कर देंगे। अतीत अहमद,आजम खान, मुख्तार अंसारी, ये सभी जेल में है, एक बार फिर यूपी में भापजा की सरकार बना दो जो दो-तीन बाहुबली मूंछ पर ताव देकर घूमते हैं, वो भी मुख्तार अंसारी के साथ जेल में होगें। गृहमंत्री अमित शाह कर यह बयान स्पष्ट करता है कि यूपी में योगी मोदी की सरकार होने के बाद भी पांच सालों में दो तीन बाहुबली माफिया कानून के पकड़ से दूर थे, जिनका उल्लेख केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जैनपुर की सभा में किया। उन्होंने उनके पकड़ कर जेल में नही भेज पाने का कारण जनता को नही बताने से जनता में भ्रम की स्थिति बन गयी है कि क्या नेहरू ने इन माफियों को जेल में बंद करने से तो नही रोका था? राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यूपी में डबल इंजन की सरकार ने क्या इसलिए कुछ माफियाओं को जेल में नही डाला ताकि आगामी विधानसभा में वोट मांगने का मुद्दा ना खत्म हो जाने का डर सता रहा था। गृहमंत्री श्री शाह का माफियाओं के बाहर होने के बाद कहना, योगी सरकार की कानून व्यवस्था की जमीनी धरातल को उजागर कर रहा है।