राजनीतिक दलों ने देश की सबसे बड़ी समस्या बनाया हिजाब को
महगांई, बेरोजगारी, पर विधानसभा चुनाव के वक्त हिजाब का मुद्दा हावी होना सुनियोजित राजनीतिक स्टंड तो नही है? क्योकि विधानसभा चुनाव के वक्त आम जनता से जूडे मंहगाई व बेरोजगारी के मुद्दे को किनारे करके हिजाब को राष्ट्रीय मुद्दा बनाने का प्रयास मीडिया व नेताओं के द्वारा किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट जरूर कह रही है कि इसे राष्ट्रीय मुद्दा ना बनाया जाये लेकिन कोर्ट की बातों को नेता व मीडिया ध्यान देगें इसकी उम्मीद नही के बराबर है, धु्रवीकरण के लिए यह एक अहम मुद्दा हेै। जो काम अभी तक जिन्ना व पाकिस्तान नही कर सकता है, हो सकता हेै वह काम हिजाब कर दें। यह सवाल इसलिए गंभीर है, क्योकि स्कूल व कॉलेज ड्रोस कोड की याद क्या विधानसभा चुनाव के वक्त ही क्यों नेताओं को याद आई, जबकि कर्नाटक में लम्बे समय से डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी क्यो स्कूल व कॉलेज में ड्रेस कोड लागू करके हिजाब को क्यो नही बंद किया गया था। और अगर छात्राएं हिजाब पहनकर आती थी तो विधानसभा के वक्त ही क्यों इस विवाद को हवा दी गयी?
चुनावों के वक्त ध्रुवीकरण का हर मुद्दा मीडिया व नेता राष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश करते है। हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इसे राष्ट्रीय मुद्दा ना बनाया जाये, लेकिन हिजाब के माध्यम से ध्रुवीकरण की राजनीति की नयी जमीन तैयार करने की कोशिश की जा रही है, इसलिए इस स्थानीय मुद्दे को राष्ट्रीय मुद्दा बनने में देरी नही लगी, अब तो इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण भी हो गया है। जो इस बात का संदेश दे रहा है कि देश में बेरोजगारी व मंहगाई कोई समस्या नही है, हिजाब देश की सबसे बड़ी समस्या है। गौरतलब है कि यूपी चुनाव की घोषणा से पूर्व ही जिन्ना, पाकिस्तान का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहा था कि हिजाब विवाद सामने आ जाने से धु्रवीकरण के लिए इस मुद्दे का उपयोग राजनीतिक दलों करने से नही चुके। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी को केरल, बंगाल व कश्मीर नही बनने देगें वही असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वासरमा ने कहा कि कर्नाटक में जो हो रहा हेै वो ज्ञान का मसला नही है, ज्ञान के मंदिर में धर्म का मसला है। अगर हिजाब पहनकर जाते है तो अध्यापक को कैसे पता चलेगा कि आपकों समझ आ रहा है या नहीं?
इसे भी पढ़े
हिजाब विवाद से, क्या मोदी सरकार की इमेज को नुक्सान पहुंचा?
पगड़ी पर सवाल गहराया
यह विवाद गहराने से पगड़ी पर भी सवाल उठने लगे है, सोनम कपुर ने सवाल किया कि पगड़ी चॉइस हो सकती है तो हिजाब क्यों नही? राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पगड़ी विवाद से धु्रवीकरण की राजनीति को धार नही मिलती है लेकिन हिजाब से धु्रवीकरण करने की कोशिश की जा रही है।