दुनिया में मोदी सरकार का डंका बजाने के बाद, राजकुमारी के विरोध भारी पड़ा चौधरी पर
दुनिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डंका बजने का दावा भाजपा नेता करते है, मोदी सरकार के सबसे प्रशंसक एंकर सुधीर चौधरी को यूएई की राजकुमारी के विरोध का सामना करना पड़ा जिसके चलते अंतिम समय में आयोजकों ने उन्हें ड्रांप करने का मजबूर होना पड़ा, इस पूरे घटना क्रम से देश का सम्मान बढ़ा या कम हुआ इसके बाद भी डीएनए कार्यक्रम में सुधीर चौधरी को विस्तार से देश की जनता को बताना चाहिए? क्योकि आम जनता इसे देश के अपमान के तौर पर देश रही है कि दुनिया में मोदी सरकार को डंका बजने के बाद भी उनके प्रिय एंकर को विरोध के चलते सेमीनार से बाहर किया गया। अप्रत्यक्ष रूप से यह मोदी सरकार का ही अपमान के तौर पर देखा जा रहा है।
अबू धाबी में आयोजित सेमीनार में बतौर गेस्ट बुलाये गये एंकर सुधीर चौधरी को यूएई की राजकुमारी हेंड अल कासिमी के विरोध के बाद आयोजकों द्वारा विवाद का पटाक्षेप करने के लिए उन्हें ड्रांप करना ही उचित समझा। राजकुमारी ने सुधीर चौधरी पर इस्लामोफोबिक होने के साथ ही पिछले साल शाहीनबाग और नागरिकता विरोधी प्रदर्शनों को लेकर मुसलमानों के खिलाफ एक धार्मिक पूर्वाग्रह का आरोप लगाया। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस पूरे घटना क्रम ने मोदी सरकार के दुनिया में डंका बजाने के भाजपाई दावे की हवा निकाल दी है, क्योकि मोदी सरकार के चेहते एंकर सुधीर चौधरी को राजकुमारी के कहने पर किसी भी हालत में सेमीनार से नही हटाया जाता। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सुधीर चौधरी का अपमान देश का अपमान है, इसलिए मोदी सरकार को युएई की इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देने के साथ ही सुधीर चौधरी को अपने डीएनए कार्यक्रम में जिस तरह से पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल है उसी तरह ही राजकुमारी के खिलाफ भी मोर्चा खोल देना चाहिए। सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान या मुसलमानों की तरह ही सुधीर चौधरी राजकुमारी के खिलाफ मोर्चा खोलेगें, या इन बदनामी का कड़वा घूट पीकर रह जायेगें?