October 23, 2024

ट्वीटर पर वरूण गांधी तब तक मोदी सरकार को घेरते रहेगें?

सड़क पर उतर कर मोदी सरकार के खिलाफ बगावत का बिगूल कब बजायेगें?
लखीमपुर मामले पर फिर से मोदी और योगी सरकार को घेरा

भाजपा के सांसद वरूण गांधी किसान आंदोलन को समर्थन करने के साथ ही योगी सरकार के गन्ना का दाम 25 रूपये प्रति क्विंटल बढ़ाने पर भी सवाल खड़ा करते हुए किसानों की हालातों को देखते हुए 400 रूपये प्रति क्विंटल करने की मांग की है, इसके बाद लखीमपुर खीरी की घटना का वीडियों भी शेयर करके कही ना कही मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की, जिससे नाराज हो कर भाजपा आलाकमान ने वरूण गांधी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर तो कर दिया, इसके बाद भी वरूण गांधी मोदी सरकार पर आक्रामण करने का सिलसिला जारी है, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वरूण गांधी वर्तमान मोदी सरकार की कार्यशैली से किस कदर असंतुष्ट है। वरूण गांधी का नया ट्वीट वरूण गांधी को भाजपा आलाकमान की दूरियों में इजाफा करने वाला है उन्होंने बताया कि लखीमपुर खीरी की घटना को हिंदू बनाम सिख की लड़ाई में बदलने की कोशिश की जा रही है, ये पूरी तरह से अनैतिक है और झूठ फैलाया जा रहा है, उनके इस बयान का सीधा सा मतलब देश में हुए सिंख दंगों से है। उन्होंने आगे लिखा है कि अब फिर से उन घावों को कुरेदलना किसी भी तरह से ठीक नही है. यदि वो घाव खोले गए तो खतरनाक होंगे। देश में हुए सिख दंगों के घाव को भरने में एक दशक का समय लग चुका है। राजनीतिक लाभ को ध्यान में न रखकर राष्ट्र को ध्यान में रखकर काम करना चाहिए। इसलिए ऐसे हादसों को सिख बनाम हिंदू में तब्दिल करने का प्रयास ना करें। जाहिर है कि वरूण गांधी का यह ट्वीट केंद्र में मोदी सरकार और राज्य में योगी सरकार की अव्यवस्था को लेकर किया है, निश्चित ही आने वाले समय में मोदी समर्थक वरूण गांधी को भी देशद्रोही या पप्पू ना साबित करने लग जायेेगें, क्योकि वह मोदी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते दिखाई दे रहे जो मोदी सरकार के समर्थकों को बिलकुल भी पसंद नही है।

सड़क पर क्यो नही उतरते वरूण गांधी- अलका लांबा

कांग्रेसी नेता अलका लांबा ने वरूण गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों के समर्थन में ट्विटर से आगे बढ़ते हुुए उन्हें सड़कों पर उतरना चाहिए। उन्होंने कहा कि लखीपुर खीरी में कुचले गये किसानों की लड़ाई के लिए ईमानदार है तो ट्वीटर पर लड़ाइ्र लडऩे की जगह भाजपा छोड़कर सड़कों में उतरना चाहिए और अपनी आवाज बुलंद करना चाहिए।

मोदी सरकार में वरूण गांधी का कद घटा

भाजपा के मुख्य रणनीतिकारों में एक प्रमोद महाजन ने वरूण गांधी व मेनका गांधी को भाजपा के शामिल होने को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए दावा किया था कि केवल गांधी ही कांग्रेसी गांधी का मुकाबला कर सकता है। वरूण गांधी 2004 में भाजपा में शामिल हुए थे। प्रमोद महाजन की भविष्यवाणी 2009 के चुनावों में साकार होती भी नजर आयी , सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सेकुलर विचारों के बरअक्स वरूण गांधी ने कथित कम्युनल ब्रांड को बढ़ावा देना शुरू किया और पार्टी को कुछ चुनावी फायदा भी हुआ। राजनाथ सिंह के अध्यक्ष रहते वरूण गांधी को जनरल सेके्रटरी नियुक्त करने के साथ ही उन्हें अपने तरीके से काम करने की पूरी आजादी भी दी, लेकिन नितिन गड़करी के अध्यक्ष बनने के बाद वरूण गांधी के पर कतर दिये गये, मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद उनकी राजनीति उड़ान पर पूरी तरह से लगाम लगाने का प्रयास किया जा रहा है, वह किस तरह से आगे का राजनीतिक सफर तय करते है इस पर भी सभी की नजर है। राजनीतिक जानकारों का मानना हेै कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा आलाकमान द्वारा उत्तरप्रदेश के कई नेताओं का कार्यकारिणी से बाहर निकाला जाना स्पष्ट करता है कि उन्हें इस बात का विश्वास हो गया है कि वह नाराज होने के बाद भी पार्टी छोडऩे की स्थिति में नही है।

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