राष्ट्रवादी पत्रकार कैसे होता है यह देश की जनता को भी करीब से जानने का मौका मिला
राष्ट्रवादी पत्रकार होने का दंभ भरने वाले दीपक चौरसिया का राष्ट्र प्रेम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के श्रद्धांजलि देने के दौरान पूरे देश ने देखा। जिसकी चर्चा अब आम जनता के साथ ही पत्रकारों के बीच भी होने लगी है, क्या राष्ट्रवादी पत्रकार ऐसे होते है जो सीडीएस की श्रद्धांजलि भी लडखड़ाती जुबान से देते नजर आये, एंकर की हालत ऐसी थी कि उसने जनरल बिपिन रावत की जगह वीके सिंह को श्रद्धांजलि दे दी।
पूरे देश को राष्ट्रवाद का ज्ञान देने वाले महान पत्रकार दीपक चौरसिया का एक सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देने वाला वीडियों सोशल मीडिया में जम कर वायरल हो रहा है, जिसके, लोग जम कर मचे भी ले रहे है। टीवी पत्रकारिता में इस तरह की एंकरिंग आज से पूर्व संभवत: कभी नही हुई होगी। भविष्य में दीपक चौरसिया के इस रिकॉर्ड को कौन तोड़ेगें यह सवाल अभी से उडऩे लगे है। क्योकि टीवी पत्रकार इन दिनों को देश की जनता को खबरों की जगह राष्ट्रवाद का ज्ञान दे रहे है। पत्रकार ओम थानवी ने लिखा कि इस हालत में चंद्रमार्गी एंकर को कैमरा के सामने किसने बैठने दिया? पत्रकार विनोद कापड़ी ने कहा कि जब नसों में फर्जी राष्ट्रवाद का नशा दौड़ रहा होता है तो जुबान इसी तरह लडख़ड़ाती है और असली चेहरा बेनकाब हो जाता है। टीवी के लाइव शो में ये हरकत अस्वीकार्य हो है ही, लेकिन भारतीय सशस्त्र सेनाओं के 13 जांबाजों को श्रद्धांजलि दी जाने के टाइम ये हरकत करना अक्षम्य अपराध है। पत्रकार साक्षी जोशी ने लिखा कि ऐसे फर्जी राष्ट्रवादी चैनल परदेश के सेना से संबंधित प्रोग्राम करने की हिम्मत कैसे हुई। ये हमारे सैनिकों का अपमान है। लोगों ने लिखा कि यह दीपक चौरसिया है और ये सेंस में नही है, जुबान और शब्दों का ठीक से तालमेल नहीं बैठ रहा है. इतना ही नही वो कायदे से बैठा भी नही पा रहे थे, उन्होंने बिपिन रावत की जगह वीके सिंह को श्रद्धांजलि दे दी। एक ने लिखा कि टीवी न्यूज मीडिया के स्वर्ग युग में शराब पीकर एंकरिंंग करने में दीपक ने सबसे पहले बाजी मारी है, अब ये चलन चलेगा और देखना यह है कि दीपक को मात कौन देता है। वही एक ने लिखा कि क्या इस मामले को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन कोई एक्शन लेंगे?