October 23, 2024

नक्सली समस्या को क्या भाजपा अहम मुद्दा बनाने जा रही है?

गृहमंत्री अमित शाह के चुटकी में नक्सली खत्म करने के वादे के बाद उठा सवाल

देश के नेताओं ने अपने कार्यो से क्या जनता का विश्वास इतना अधिक जीत लिया हेै कि उनकी हर बातों को जनता आंख मुंद कर विश्वास कर लें? यह सवाल इसलिए उठ रह है क्योकि छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने यह कह करके सभी को आश्चर्यचकित कर दिया कि छत्तीसगढ़ मेंं भाजपा की सरकार बनते के बाद चुटकी में नक्सलवाद की समस्या का समधान हो जायेगा। छत्तीसगढ़ में लगभग साढ़े चार सालों तक डबल इंजन की सरकार होने के बाद नक्सलवाद क्यों खत्म नही हो सका इस पर गृहमंत्री ने कुछ भी बोलना जरूरी नही समझा, नोटबंदी को जरूर मोदी सरकार का एक मजबूत कदम बताया, लेकिन नोटबंदी से नक्सलवाद का खत्म क्यों नही हो सका इस पर कुछ भी नही बोलें, क्योकि नोटबंदी के दौरान आंतकवाद व नक्लवाद को खत्म करने का दावा मोदी सरकार ने किया था।

डबल इंजन सरकार होने के बाद भी बस्तर से भाजपा का हुआ सफाया

लोकतंत्र में सभी को बोलने का अधिकार दिया हेै इसका मतलब यह तो नही है कि जनता को बेवकुफ बनाने के लिए कुछ भी बोल दिया जाये और जनता उनकी बातों को विश्वास कर लें? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योकि गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान यह दावा किया कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने पर नक्सली चुटकी में गायब हो जायेगें, लेकिन कैसे, इसका उल्लेख नही किया? राजनीतिक जानकर गृहमंत्री अमित शाह के इस बयान को बस्तर में भाजपा की वापसी से जोड़कर देख रहे है क्योकि नक्सल प्रभावित बस्तर में भाजपा का पूरी तरह से सफाया हो चुका है, वह भी ऐसे वक्त जब साढ़े चार साल राज्य में डबल इंजन की सरकार थी। डबल इंजन सरकार नक्सली समस्या के समाधान के लिए बेहत्तर काम करती तो भाजपा की ऐसी स्थिति इतनी खराब नही होती? गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ में महंगाई व बेरोजागरी के मुद्दा नही बना सकते है, इसलिए उन्होंने नक्सली समस्या का सहारा लेकर छत्तीसगढ़ में भाजपा वापसी की रणनीति तैयार की है, जिसके चलते वह दावा कर रहे है कि भाजपा की सरकार बनने पर चुटकी में नक्सली गायब हो जायेगें। बस्तरवासी व राज्य की जनता उनकी इस नये वादे पर कितना विश्वास करती है यह तो चुनाव में ही पता चलेगा।

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