April 30, 2025

नगरनार प्लांट को बेचने से रोकना कांग्रेसियों के लिए बड़ी चुनौती

कांग्रेस ने निजीकरण नही होने देने का वादा बस्तर की जनता से किया था

राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार यह वादा करती है कि वह घोषणा पत्र में किये गये वादों को पूरा करती है, इसलिए राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार नगरनार का निजीकरण अपनी सरकार रहते नही होने देना चाहिए, क्योकि विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस ने इसे अहम मुद्दा बनाया था और कांग्रेसियों ने इसके लिए पदयात्रा भी की थी।
कुछ इंतजार के बाद एक बार फिर नगरनार निजीकरण का मुद्दा जोर पकडऩे लगा है। एनएमडीसी ने नगरनार प्लांट के निजीकरण की दिशा को गति देने के लिए डिमर्जर के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है, जिसका फेडरेशन के कर्मचारियों के द्वारा विरोध किया गया। गौरतलब है कि अभी तक इस मामले पर किसी कांग्रेसी नेता का बयान नही आया है। कांग्रेसी, बस्तर की जनता में विश्वास कायम करने के लिए लोहण्डीगुंडा में जमीन वापसी की बात करते है कि कांग्रेस ने जो वादा किया था वह पूरा किया, विधानसभा चुनाव से पूर्व नगरनार निजीकरण नही होने देने का भी वादा किया गया था, इसलिए जब तक राज्य में कांग्रेस की सरकार है उनके नेताओंं की जिम्मेदारी बनती है कि वह नगरनार प्लांट का निजीकरण होने से रोके, क्योकि नगरनार निजीकरण के लड़ाई में कांग्रेसी नेताओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है, इसके बाद भी अगर मोदी सरकार नगरनार प्लांट का निजीकरण करने में सफल हो जाती है तो निश्चित ही कांग्रेसी नेताओं के साथ ही राज्य सरकार पर भी बस्तरवासियों का भरोसा कम होगा। नगरनार निजीकरण का विरोध बस्तर के भाजपा नेता भी कर रहे है लेकिन वह मोदी सरकार के खिलाफ खूल कर बोलने से बच रहे है। ऐसे हालातों में जरूरी है कि कांग्रेसी नेता नगरनार निजीकरण की कमान संभाले, मोदी सरकार नगरनार प्लांट के निजीकरण का रास्ते पर आगे लगातार बढ़ रही है। राज्य सरकार का अभी तक किया गया प्रयास निजीकरण रोकने में असफल ही साबित हो रहा है।

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