नोटिस के बाद स्थिति नही बदलेगी लेकिन राजनीति जम कर होगी
गणेश उत्सव की तैयारियों के बीच निगम प्रशासन के द्वारा सड़कों पर गणेश मूर्ति स्थापित करने वाले संगठनों को नोटिस भेजने से एक बार फिर राजनीति गर्मा गई है। सवाल यह है कि निगम प्रशासन को अगर सड़कों पर गणेश मूर्ति स्थापित किये जाने को लेकर कोई समस्या थी, तो जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर इस संबंध में बैठक आहुत करके सड़क पर गणेश मूर्ति स्थापित करने वालों को कड़ा संदेश दे सकती थी, लेकिन ऐसा ना करके जब गणेश उत्सव की तैयारियों अन्तिम चरणों पर थी उस वक्त निगम प्रशासन नेनोटिस जारी करने से यही संदेश गया कि निगम में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार गणेश बैठाने वालें संगठनों को परेशान कर रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि निगम के इस नोटिस के बाद भी स्थिति में किसी भी तरह का कोई बदलाव नही आयेगा लेकिन भाजपाई जो कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का जो आरोप लगाती रही है उसकों जरूर मजबूती मिल जायेगी।
टाईमिंग पर उठे सवाल
राजनीति में टाईमिंग का बढ़ा महत्व होता है, कांग्रेस का इस मामले पर रिकॉर्ड काफी खराब रहा है। सड़कों पर गणेश मूर्ति स्थापित होने से आवागमन पर होने वाले असर को लेकर अगर निगम प्रशासन व राज्य सरकार चिंतित होती तो निश्चित ही इसकों लेकर पहले ही बैठक आयोजित करके सड़क पर बैठाने वाले संगठनों को सक्त निर्देश दे सकती थी, ताकि आम जनता को किसी तरह की परेशानी ना होने पाये, लेकिन ऐसा ना करके जब गणेश उत्सव की तैयारियों जोर शोर से चल रही थी ऐसे वक्त पर निगम प्रशासन द्वारा नोटिस जारी करके आग में धी डालने का काम किया, जिसकों लेकर सोशल मीडिया में भाजपा से जूडे नेता निगम की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधने लगे है। सवाल यह है कि निगम ने समय रहते जब सड़क पर बैठाने वालो पर को कोई सक्त संदेश नही दे सकी तो अन्तिम समय पर नोटिस जारी करके क्या संदेश देना चाहती है यह लोगों को समझ मे ंनही आ रहा है। भाजपा पहले ही कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाती रही है लेकिन इस नोटिस के बाद उनकों आरोपो को मजबूती ही मिली है, निगम की नोटिस के बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नही होने वाला है, इस मामले अब सिर्फ राजनीति ही होगी और कुछ नही।