यही एक मात्र रणनीति है जिससे भाजपा बस्तर से कांग्रेस का सफाया कर सकती है?
बस्तर की सभी 12 विधानसभा सीट जीतने का बस्तर प्रभारी संतोष पांडे का दावा धरातल में तब ही कामयाब हो सकता है जब आधा दर्जन कांग्रेसी विधायकों और कांग्रेसी नेताओं को चुनाव पूर्व अपने पाले में लाने में कामयाब होगें? इसके अलावा भाजपा के पास बस्तर की सभी सीटों को जीतने का कोई और फार्मूला नही है, क्योकि बस्तर में धुर्वीकरण की राजनीति संभव नही है जो भाजपा का कोर एजेंडा है, जिसके चलते मोदी जी का जादू बस्तर में अभी तक नही चल सका है।
बस्तर प्रभारी संतोष पांडे के बस्तर संभाग की सभी 12 सीटों के जीतने के दावे के बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म है कि किस मुद्दे पर भाजपा बस्तर की सभी 12 सीटों का दावा बस्तर प्रभारी ने किया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा कांग्रेसियोंं के ईडी व सीबीआई का दवाब बनाकर पाला बदलाने में कामयाब होती रही है, बस्तर में भी अगर कांग्रेसी विधायकों और कांग्रेसी नेताओं ने विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा मेें शामिल होने से राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बिगड़ सकता है। विधानसभा चुनाव के पूर्व मोदी सरकार आने के बाद कांग्रेसियों के पाला बदलने की एक परंपरा सी विकसित हो गई है, सवाल यह है कि बस्तर में भाजपा की यह रणनीति कितनी सफल होती है? क्योकि भाजपा छत्तीसगढ़ का चुनाव जीतने के लिए हर संभव प्रयास करेगी क्योकि मोदी सरकार यह बिलकुल भी नही चाहेगी कि देश की जनता में यह संदेश जाये कि मोदी सरकार के रहते कांग्रेसियों ने अपनी सरकार बचाने में कायमाब रहें, जो मोदी सरकार के लिए लोकसभा चुनाव में परेशानी पैदा कर सकता है।