उज्जवला योजना के लाभर्थियों को दो सिलेंडर निशुक्ल देना क्या रेवड़ी कल्चर नही है, प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक दलों के द्वारा मुफ्त में बांटे जाने को रेवड़ी कल्चर की संज्ञा देने हुए इस पर सवाल उठाया था, जिसका गोदी मीडिया व मोदी सरकार के मंिित्रयों ने भी समर्थन किया था, लेकिन गुजरात सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाराजगी के बाद भी रेवड़ी कल्चर को आगे बढ़ाते हुए उज्जवला योजना के लाभर्थियों को दो सिलेंडर मुफ्त के साथ ही सीएनजी व पीएनजी पर 10 प्रतिशत वैट कम किया है। वही अमूल ने देश भर में दूध के दाम बढ़ाये लेकिन गुजरात में दाम नही बढ़ाया, एक देश एक कानून की वकालत करने वाली मोदी सरकार अमूल के गुजरात व देश के अन्य हिस्सों के दामों पर कोई सवाल नही उठाया और ना ही गुजरात सरकार की फ्री में सिलेंडर दिये जाने को लेकर ही कुछ बोल रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेलों में परिवारवाद को खत्म करने के दावा करने के बाद भी गृहमंत्री अमित शाह के बेटे जयशाह को बीसीसीआई का सचिव बनाने के लिए बीसीसीआई के संविधान में संशोधन कर दिया गया, जिस पर प्रधानमंत्री ने कुछ नही बोला। कुछ इसी तरह ही गुजरात विधानसभा चुनाव के पूर्व गुजरात सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रेवड़ी कल्चर के खिलाफ जाते हुए उज्जवला योजना के लाभर्थियों को साल में दो सिलेंडर दिये जाने की घोषणा करके कही ना कही आम आदमी पार्टी के निशुक्ल पानी व बिजली के रेवड़ी कल्चर को आगे बढ़ाने का काम ही किया है, जिसके बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सवालों के घेरे में आ गये है। मोदी जी गुजरात सरकार के रेवड़ी कल्चर पर क्यों मौन साधे हुए है, या यह सब उनकी सहमति से गुजरात सरकार के कंधों पर बंदूख रख कर किया जा रहा है। राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह रेवड़ी दोहरा मापदंड सवालों के घेरे में है जिससे कही ना कही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताकतवर इमेज पर भी सवाल उठने लगे है?