पेट्रोल डीजल और रसोई गैस के दाम जब बढ़ रहे थे उस वक्त महंगाई राष्ट्रवाद नजर आ रही थी
केंद्र सरकार के द्वारा पेट्रेाल डीजल के दाम लगातार बढ़ाये जा रहे थे उस वक्त इस वृद्धि को राष्ट्रभक्ति से जोड़ रहे थे लेकिन उपचुनाव के परिणाम के बाद मोदी सरकार ने अचानक पेट्रोल में पांच रूपये और डीजल में दस रूपये की कमी कर दी, इसके बाद से छत्तीसगढ़ में भाजपा पेट्रेाल व डीजल के वैट काम करने की मांग करके जनता को राहत दिलाना चाहती है लेकिन दूसरी तरफ मोदी सरकार लगातार रसोई गैस के दाम बढ़ा कर इस लड़ाई को कमजोर कर रही है।
मोदी सरकार पेट्रेाल और डीजल के दामों में लगातार वृद्धि कर रही थी उस वक्त भाजपा नेता इस वृद्धि को राष्ट्रवाद से जोड़ रहे थे लेकिन उपचुनाव परिणाम आशा के अनुरूप नही आने पर मोदी सरकार ने पेट्रेाल व डीजल के दामों में कमी कर दी, इसके बाद कई राज्य सरकारों ने भी वैट कम करके जनता को राहत दी, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने वैट कम करने से मना कर दिया है। भाजपा इसी को मुद्दा बना कर कांगे्रेस सरकार को घेरने की कोशिश तो कर रही है लेकिन क्या धरातल में सफल हो पायेगी? राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पेट्रेाल डीजल के दामों में मोदी सरकार लगातार वृद्धि कर रही थी उस वक्त भाजपाई मौन साधे हुए थे, लेकिन पेट्रेाल और डीजल के दाम कम करने के बाद छतीसगढ़ भाजपा को अचानक महगांई की चिंता सताने लगी, और लगभग सात सालों के बाद पेट्रेाल व डीजल को लेकर सड़क की लड़ाई लड़ते नजर आये, जिससे आम जनता को पूरानी यादें ताजा हो गयी, सात सालों में पेट्रेाल डीजल और रसोई गैस के दाम दुगुने हो गये उस वक्त भाजपाईयों को मंहगाई की चिंता नही दिखी। रसोई गैस के दाम में किसी भी प्रकार की कोई कमी मोदी सरकार ने नही की है, जो बताता है कि मंहगाई रसोई गैस से नही बढ़ती है।