गोदी मीडिया व मोदी सरकार के मंत्री अभी तक खोज नही पायी है कि सत्यपाल मलिक किसके दवाब में किसानों के पक्ष मेें बयान दे रहे है
पश्चिम उत्तरप्रदेश के किसान जाट नेता और मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन पर मोदी सरकार को ही कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आंदोलन में 250 किसान मरे गये है लेकिन अभी तक कोई संवेदना तक प्रकट नही की गयी है, जबकि जानवर मरता है तो संवेदना प्रगट की जाती है। उन्होंने किसान आंदोलन का जल्द से जल्द निकालने से साथ ही यह भी कहा कि उनके बयान से केंद्र सरकार को लगता है कि नुक्सान हो रहा है तो वह राज्यपाल का पद छोड़ दूंगा। विधानसभा चुनाव के बीच मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का बयान निश्चित ही भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा करने वाला है, ज्ञात हो कि पहले ही किसान नेता विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में भाजपा को वोट नही देने की अपील करके भाजपा की परेशानियों को बढ़ा दिया है।
कृषि बिल के खिलाफ चार महीने से चले रहे किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए अभी तक मोदी सरकार द्वारा इसे कांग्रेस प्रायोजित, विदेशी ताकतों द्वारा संचालित होने के साथ ही आंतकवादी नक्सली व खालिस्तानी तक करार दिया जा चुका है , लेकिन गोदी मीडिया के खोजी प्रत्रकार व मोदी सरकार के जागरूक नेता अभी तक सत्यपाल मलिक के बयान के पीछे कौन सी शक्ति काम कर रही है इसकी तलाश नही कर पाये है, और ना ही किसी नेता ने अभी तक मलिक को पाकिस्तान जाने की सलाह तक नही दी है। किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार अपने लोगों से ही धीरे धीरे घिरती जा रही है। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान पर अभी तक मोदी सरकार के नेताओ की कोई अधिकृत प्रतिक्रिया नही आयी है लेकिन जिस तरह से मलिक जी बयान दे रहे है वह किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार की हठधर्मिता को ही रेखांकित कर रहे है, जिससे विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को ज्यादा तो नही लेकिन कुछ नुक्सान तो अवश्य ही करेगा।