October 23, 2024

शराबबंदी योजना भी हुई भ्रष्टाचार की शिकार

बिहार में जहरीली शराब पीने से 50 लोगों को हुई मौत, सेना का जवाब भी इसमें शामिल

सरकार की अन्य सरकारी योजनाओं की तरह ही बिहार में शराबबंदी की योजना भी धरातल पर पूरी तरह से फेल हो चुकी है लेकिन जब तक कोई बड़ा हादसा नही होता है तब तक नेता योजना की सफलता पर अपनी सरकार की पीठ थपथपाते रहते है। दीपावली के अवसर पर बिहार में जहरीली शराब के पीने से 50 लोगों की मौत हो जाने से बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार में शराबबंदी की योजना सिर्फ कागजों में ही सफलता के झंडे गाड़ रही है धरातल पर इस योजना का दम भ्रष्टाचार के चलते निकल चुका है।
मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने अप्रैल 2016 से राज्य में शराब की बिक्री और उसके इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी, लेकिन इसके बाद भी बिहार में जहरीली शराब की लोगों की मौत होना स्पष्ट संदेश दे रहा है कि अन्य शासकीय योजनाओं की तरह ही शराबबंदी योजना भी भ्रष्टाचार की शिकार हो चुकी है। हर योजना की तरह ही कागजों में शराबंबदी योजना सफलता के नये नये आयाम लिख रही हो, लेकिन धरातल में दीपावली के वक्त विगत 15 दिनों में सिवान, मुजफ्फपुर, गोपालगंज, पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें एक सेना का जवान और एक बीएफएफ का जवान भी शामिल है, जिस सेना पर भाजपा राजनीति करने का कोई मौका नही चुकती है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा नेताओं की सेना के जवानों की इतनी ही चिंंता है तो क्या नीतिश कुमार की शराबबंदी पर सवाल उठायेगें? वही इस मामले पर कांग्रेस ने जहरीली शराब से मरने वालों को 10 लाख रूपये मुआवजा देने की मांग की है।
दीपावली के अवसर पर जहरीली शराब के सेवन हुई मौत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक उच्च स्तरीय बैठक करके मद्द निषेध विभाग और पुलिस मुख्यालय को हर दूसरे दिन समीक्षा करने का आदेश देकर यह जनता में यह संदेश पहुंचाने की कोशिश की कि बिहार सरकार इस घटना को लेकर बेहद गंभीर है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बिहार सरकार अगर इतनी ही गंभीर होती तो इस तरह ही घटनाएं ही नही होती।

तीन भाजपा नेता गिरफ्तार

दीपावली त्यौहार  के दौरान जहरीली शराब से मौत के मामले के बीच पुलिस ने जमुई में शराब पीने के आरोप में भाजपा के तीन जिला स्तर के नेताओं को गिरफ्तार किया है, जिससे एक बार फिर राजनीति पारा गर्मा सकता है, कि भाजपा नेता ही शराबबंदी की हवा निकाल कर नीतिश सरकार को बदनाम कर रहे हैं।

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