शिकारियों ने पुलिस को ही शिकार बनाया
यूपी में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी विकास दुबे, पुलिसवालों को अपना शिकार बनाने में कामयाब रहा। कुछ उसी तरह की घटना मध्यप्रदेश के गुना में भी घटी, जहां पुलिस शिकारियों को पकडऩे गयी थी परंतु शिकारियों ने पुलिस को फंसा कर उनका शिकार कर लिया, इस घटना में तीन पुलिस वालों की मौत हो गयी, वही विकास दुबे की तरह इस घटना में भी शिकारी फरार होने में कामयाब हो गये। सवाल यह है कि रामराज्य लाने का वादा करने वाले राज्यों में पुलिस अपराधियों का शिकार कैसे बन रही है?
मध्यप्रदेश के जिला गुना के अंतर्गत आरोन थानाक्षेत्र में पुलिस को इस बात की सुचना मिली कि शहरोक गांव के पास शिकारियों के द्वारा ब्लैक बग हिरण और मोर का शिकार किया गया है, पुलिस ने शिकारियों को पकडऩे के लिए एसआई राजकुमार जाटव, प्रधान आरक्षक नीरज भार्गव और आरक्षक संतराम मीना सहित सात लोग दो चार पहिया और एक बाइक से जंगल की और निकले। पुलिस मोटर साइकिल में आये दो तीन शिकारियो को पकडऩे में सफलता भी प्राप्त की, लेकिन शिकारियों की दूसरी टीम ने हमला बोल दिया, इस हमले में तीन पुलिसर्किर्मयों को शिकारियों की गोली लगने से मौत हो गयी, और शेष पुलिसकर्मी भाग खड़े हुए। यह घटना डबल इंजन वाली सरकार होने के बाद भी अपराधियों के हौसले का बयां करती है कि उन्हें पुलिस को शिकार बनाने में भी डर नही लगता है तो आम जनता की बात करना बेमानी होगी। सवाल यह है ऐसे में रामराज्य लाने के जो सपने भाजपाई बेच रहे है क्या वह सिर्फ वोट पाने तक सीमित है, क्योकि अपराधियों को लगाम लगाये बगैर कैसे रामराज्य लाया जा सकता है।
हर घटना की तरह ही इस घटना के बाद सरकार ने मृतक पुलिस के परिजनों को एक- एक करोड़ रूपये देने की घोषणा के साथ ही अपराधियों को पकडऩे के लिए पुलिस बल को जंगल में उतार दिया गया है। इस घटना में उपनिरीक्षक राजकुमार जाटव, नीरज भार्गव और संतराम की मौत हो गयी है, वारदात के बार घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने अपने साथियों के शव के साथ ही हिरण व मोर के शव भी बरामद किये है। जो इस बात का प्रमाण है कि पुलिस को सूचना तो सही मिली थी लेकिन पुलिस ने इस बात का अंाकलन नही किया कि कितने शिकारी है, बगैर किसी तैयारी के आनन फानन में शिकारियों को पकडऩे की कोशिश पूरी तरह से उल्टा पड़ गयी।