सिलगेर मामले पर भाजपाई मौन, भाजपा की जांच रिपोर्ट कब होगी सार्वजनिक, पूछता है बस्तर ?
प्रदेश प्रभारी डी पुरेंदेश्वरी ने कहा कि भाजपा आदिवासियों का सम्मान करती है, लेकिन ग्रामीणों के द्वारा सिलगेर के एतिहासिक आंदोलन पर भाजपा संगठन के रूख के विषय पर कुछ भी नही बोलना स्पष्ट करता है कि भाजपा आदिवासियो के शोषण के मामले पर कितनी गंभीर है। सर्व आदिवासी समाज सिलगेर में मारे गये ग्रामीणो को सरकारी मुआवजा की लड़ाई लड़ रहा है, वही दूसरी तरफ भाजपा इस मामले की जांच के लिए दल का गठन इस दावे के साथ किया था कि सात दिनों में जांच दल अपनी रिपोर्ट सौप देगा, लेकिन सात ह$फते से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद भी रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नही हो सकी है। आदिवासी से जूडा इस मुद्दें पर भाजपा संगठन की रिपोर्ट सार्वजनिक नही होने से अभी तक स्पष्ट नही हो सका है कि भाजपा की नजर में मारे गये तीन लोग ग्रामीण है या नक्सली। राजनीतिक जानकारो का मानना है कि पत्रवार्ता में जरूर प्रदेश प्रभारी डी पुरेंदेश्वरी ने आदिवासियों को अपनी तरफ करने के लिए कहा कि भाजपा आदिवासियों का सम्मान करती है लेकिन दक्षिण बस्तर में हो रही मुठभेंड मामले पर ग्रामीणों के साथ भी खड़ी नजर नही आ रही है, जबकि आदिवासी समाज इन फर्जी मुठभेड़ो को लेकर सडक़ों की लड़ाई अपनी स्तर पर लड़ता दिखाई दे रहा है। चिंतन शिविर का आयोजन बस्तर में करके भाजपा बस्तर में अपने खोये जनाधार को वापस पाना चाहती है लेकिन सवाल यह है कि वह आदिवासियों के हो रहे शोषण के मामले पर मौन साधे हुए है। ऐसे में किस तरह वह आदिवासियों का विश्वास जीत पायेगी?