October 23, 2024

सवाल पसंद नही है भाजपाई को?

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बाद झाबुआ सांसद ने भी पत्रकारों के सवाल से किनारा किया

मोदी सरकार आने के बाद गोदी मीडिया शब्द का जन्म होने के बाद भी भाजपा नेताओं के द्वारा पत्रकारों को धमकाने का सिलसिला जारी रहने से सवाल उठता है कि क्या भाजपा नेताओं को गोदी मीडिया की चाटूकारिता पर भरोसा नही है कि वह किसी भी कीमत में मोदी सरकार की इमेज को खराब होने नही देगा। चाहे इसके लिए उसे और कितना भी गिरना पड़े। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बाद झाबुआ के सांसद गुमान सिंह डामोर का वीडिया सुर्खियों में छाया हुआ है।
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा से उनके बेटे आशीष मिश्रा के संबंध में प्रश्र करने पर उन्होंने मीडिया के साथ धक्का मुक्की और गांली गलौज तक करने लगे। अभी इस मामले का पटाक्षेप नही हुआ कि एमपी के रतलाम क्षेत्र के झाबुआ संसदीय सीट से भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर एक वीडियों वायरल हो रहा है जिसमें वह पत्रकारों को झिड़कते हुए दिखाई दे रहे है। पत्रकारों के साथ भाजपा सांसदों के द्वारा किये गये धक्का मुक्की के वीडियों सामने आने से यह सवाल गहराने लगा है कि क्या भाजपा नेताओं को गोदी मीडिया पर भरोसा कम होता जा रहा है, कि वह मोदी सरकार की इमेज को उनके माध्यम से नुक्सान पहुंचाने का प्रयास करेंगे? गौरतलब है कि भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर पर आरोप है कि झाबुआ क्षेत्र में फ्लोरोसिस नियंत्रण परियोजना के तहत पाइप सप्लाई व अन्य सामग्री खरीद में 600 करोड़ का घोटाला किया है। यह उस समय का मामला है जब वह राजनीति में सक्रिय नही थे। कांग्रेस इस पूराने मामले के माध्यम से मोदी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी जंग पर सवाल उठा रही है, कि 600 करोड़ के हैंडपंप घोटाले में भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर पर एफआईआर मामले पर सफाई देने के लिए भोपाल के पार्टी कार्यालय तो पहुचे लेकिन पत्रकारों का जवाब देने से भागते रहें, ठीक अजय मिश्रा की तरह। कांग्रेसी नेत्री अलका लांबा ने कहा कि यही से साबित होता है कि अब तक खुद को फकीर बताने वाला खाता भी रहा और खिलाता भी रहा । कांग्रेसी इस मामले पर सांसद की गिरफ्तारी की मांग कर रही है। लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा है जब भाजपा अजय मिश्रा का इस्तीफा नही लिया तो सांसद की गिरफ्तारी कैसे हो सकती है।

क्या है मामला

भाजपा सांसद गुमान सिंह डामोर व अलीराजपुर के तत्कालीन कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा सहित कई अन्य अधिकारियों के भ्रष्टाचार के विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। संासद गुमान सिंह डामोर पर आरोप है कि उन्होंने इंदौर में कार्यपालन यंत्री फ्लोरोसिस नियंत्रण परियोजना के रूप में पदस्थ रहते हुए घोटाले किए। उन पर यह भी आरोप है कि आदिवासी क्षेत्र में कोई फ्लोरोसिस नियंत्रण का कोई भी काम नहीं हुआ।

उत्तरप्रदेश चुनाव के पूर्व इस नये विवाद के सामने आने से मोदी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग पर सवाल गहराने लगा है क्योकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर के इत्र व्यापरी पीयूष जैन के यहां दो सौ करोड़ नगदी मिलने पर सपा पर निशाना साधने से नही चुक रहे है, लेकिन दूसरी तरफ भाजपा के सांसद पर 6 सौ करोड़ के घोटले के मामले पर कार्यवाही नही करने से क्यो बच रहे है, भ्रष्टाचार के मामले पर कांग्रेस और भाजपा खोजने से भ्रष्टाचार की खिलाफ जंग कैसे जीती जा सकती है? वही पत्रकारों के साथ दूव्र्यवहार का सिलसिला भाजपा नेताओं के द्वारा ऐसा उस वक्त हो रहा है जब पूरा मीडिया मोदी सरकार की इमेज केा बचाने के लिए गिरने की नई ऊचाईयों को छू रहा है। जो बताता है कि गोदी मीडिया के अथक मेहनत के बाद भी भाजपा नेताओं की कारगुजारी सामने आ ही जा रही है।

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