April 30, 2025

मिथुन चक्रवर्ती टीएमसी तोड़ रहे, भाजपा आलाकमान मौन

टीएमसी तोडने से पहले मिथुन चक्रवर्ती का बयान उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता को दर्शाता है

भाजपा नेता मिथुन चक्रवती का यह दावा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी के 38 विधायकों के बीजेपी से अच्छे रिश्ते है, जिनमें से 21 विधायक सीधे उनके संपर्क में है, ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में उबाल ला दिया है। अगर आने वाले दिनों में बीजेपी टीएमसी विधायकों को तोड़ कर भाजपा में शामिल करा पाने में कामयाब हो पाती है तो विधानसभा की हार के साथ ही टीएससी से भाजपा विधायको के पाला बदलने का बदला भी पूरा हो जायेगा ? राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा नेता मिथुन चक्रवती को बयान देने की जगह टीएमसी विधायकों के पाला बदलने के बाद बयानबांजी करनी चाहिए थी, क्योकि उनके इस बयान से टीएमसी सचेत हो जायेगी? सार्वजनिक रूप से मिथुन चक्रवर्ती जैसे बयान सिर्फ शांत पानी में कंकड मार कर कुछ हलचल पैदा करने से ज्यादा नही माना जाता है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भाजपा सांसद व विधायकों के भाजपा छोड़कर टीएमसी में जाने का सिलसिला को भाजपा का आलाकमान हर संभव प्रयास के बाद भी रोक नही पाई। जिसके चलते मोदी सरकार की ताकतवर ईमेज को भी नुक्सान पहुंचा। भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती का यह बयान की टीएमसी के 38 विधायकों के भाजपा से अच्छे रिश्ते होने के साथ ही 21 विधायकों उनके सीधे संपर्क में है, ने भाजपा आलाकमान में भी नई उम्मीद का संचार किया होगा। क्योकि अभी तक पलायन एकतरफा था जिसे दो तरफा बनाने का प्रयास लम्बे समय से किया जा रहा था, लेकिन सफलता नही मिल पाई थी। महाराष्ट्र में शिवसेना के तोड़े जाने के बाद राजनीतिक पंडित मिथुन चक्रवर्ती के बयान को हल्के में नही ले रह है, महाराष्ट्र में शिवसेना के टूटने की उम्मीद किसी को नही थी। लेकिन टीएमसी मिथुन चक्रवर्ती के बयान को बहुत ही हल्के में लेती दिखाई दे रही है। टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने कहा कि बीजेपी नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती मानसिक रूप से बीमार हैं, मैंने सुना था कि मिथुन चक्रवर्ती को कुछ दिनों पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था, मेरा मानना है कि वे मानसिक रूप से बीमार थे, शारीरिक रूप से नही,समस्या यह है कि वे राजनीति नही जानते। भाजपा नेता मिथुन चक्रवती का बयान की सत्यता का पता आने वाले दिनों में लग जायेगा, लेकिन अभी तक मिथुन चक्रवती के बयान को लेकर भाजपा के किसी बड़े नेता का बयान नही आने से सवाल उठने लगे है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को जिस तरह अकेले छोड़ दिया है उसी तरह ही क्या मिथुन चक्रवर्ती को पार्टी ने अकेले तो नही छोड़ दिया है।

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