पाक के पीएम इमरान खान जरूर भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की तारीफ कर रहे है लेकिन क्वॉट संगठन सवाल उठा रहा है
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना की, जिसकी खबरें सोशल में जम कर प्रसारित और प्रचारित की गयी लेकिन आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात में कहा कि रूस को यूक्रेन पर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए, उन्होंने रूस को लेकर भारत के स्वतंत्र रूख पर भी टिप्पणी की है। जो बताता है कि रूस व यूक्रेन की लड़ाई को लेकर मोदी सरकार की नीति की जरूर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान तारीफ कर रहे है लेकिन क्वॉट संगठन के सदस्य मोदी सरकार की स्वतंत्र नीति पर सवाल उठा रहे है। क्वॉट के अन्य सदस्य जापान, अमेरिका, आस्ट्रेलियां ने यूक्रेन में रूस हमले की निंदा की है, जबकि भारत इस मामले पर तटस्थ है।
भारत और रूस की पुरानी दोस्ती के साथ ही ज्यादातर सैन्य हथियार व रक्षा उपकरण रूस से खरीदने के कारण भारत यूक्रेन व रूस की लड़ाई में तटस्थ बना हुआ है लेकिन क्वॉड के अन्य सदस्य इस मामले पर रूस की खूल कर आलोचना कर रहे है, जिससे क्वॉट की उपयोग पर भी सवाल गहराने लगा है। क्योकि आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के पूर्व जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात पर उन्होंने कहा था कि भारत को रूस के मुद्दे पर और कड़ा रूख अपनाए. उन्होंने कहा कि रूस के हमले ने अंतराष्ट्रीय व्यवस्था की नींव हिला दिया है, इस मामले पर भारत की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया की मांग की थी। यूक्रेन में रूस हमले के बाद भारत और क्वॉट के बाकी सदस्य देशों के बीच मतभेद उजागर हो गये है। भारत के अलावा अन्य सदस्य देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं ये देश यूक्रेेन को रूस का मुकाबला करने के लिए सैन्य और वित्तीय मदद भी दे रहे है। वही दूसरी तरफ भारत रूस पर लगाये जा रहे आर्थिक प्रतिबंधों के बीच कच्चा तेल रूस से खरीदने की रणनीति पर काम कर रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि मोदी सरकार की यूक्रेन व रूस की लड़ाई से विश्व गुरू करने की जो सपना देश की जनता को दिखा रहे थे उसमें खलल तो नही पड़ जायेगी, क्योकि क्वॉट में शामिल अन्य देश भी भारत की नीति पर सवाल उठा रहे है।
स्वतंत्र विदेश नीति पर सवाल उठाने वालों को कब मोदी सरकार देगी करार जवाब
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि क्वॉट के अन्य सदस्य जिस तरह से यूक्रेन रूस के मामले पर भारत की स्वतंत्र नीति पर सवाल उठा कर कही ना कही भारत की स्वतंत्र विदेश नीति पर सवाल उठा कर मोदी सरकार की इमेज को खराब करने की कोशिश कर रहे है लेकिन इस मामले पर ना ही अभी तक मोदी सरकार के नेताओं की कोई प्रतिक्रिया नही आयी है। जिस तरह से टिप्पणी की जा रही है वह सीधे सीधे भारत की स्वतंत्र विदेश नीति पर हस्ताक्षेप कहा जा सकता है, इसके बाद भी ताकतवर सरकार के नेताओं ने चुप्पी साधे हुए है